महाशिवरात्रि : नौ कुंडीय शिव गायत्री महायज्ञ में अर्पित की जाएंगी आहुतियां, गोविंददेवजी मंदिर में होगा पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक
प्रयागराज के कुंभ जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाएगा
आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह सात से ग्यारह बजे तक पहली बार शिवोहम् कार्यक्रम होगा।
जयपुर। आदिदेव महादेव की आराधना को समर्पित महाशिवरात्रि का पर्व विभिन्न शुभ और मांगलिक योग में भऊि१भाव से मनाया जाएगा। छोटी काशी के सभी शिवालयों में सुबह से देर रात तक धार्मिक आयोजन होंगे। कई शिवालयों में प्रयागराज के कुंभ जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाएगा। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह सात से ग्यारह बजे तक पहली बार शिवोहम् कार्यक्रम होगा। छोटीकाशी के आस्था के केन्द्र गोविंद देवजी मंदिर में राधे कृष्णा के साथ-साथ हर हर महादेव का भी जयघोष होगा। शैव और वैष्णव पंरम्परा का अद्भुत मिलन होगा। सुबह सवा सात बजे पार्थिव शिवलिंगों की प्राण प्रतिष्ठा कर रूद्राभिषेक किया जाएगा। सुबह आठ से ग्यारह बजे तक श्रद्धालु अपने हाथों से अभिषेक कर सकेंगे। पंचामृत के अलावा प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के जल से भी अभिषेक करने का अवसर प्राप्त होगा। महाशिवरात्रि पर ठाकुरजी के दर्शन, भोलेनाथ के अभिषेक के साथ श्रद्धालु यहां नौ से ग्यारह बजे तक शिव गायत्री महायज्ञ में आहुतियां भी अर्पित कर सकेंगे। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार और श्री शिवमहापुराण कथा समिति सहित अनेक संस्थाओं के कार्यकर्ता आयोजन में समयदान कर सफल बनाने में जुटे हुए हैं। गोविंद देवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रम नि:शुल्क है। किसी का कोई पंजीयन नहीं किया जा रहा। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अभिषेक और हवन का अवसर प्राप्त होगा। श्रद्धालुओं को शिवाभिषेक के लिए जल और पूजन सामग्री लाने की आवश्यकता भी नहीं है।
तीन ग्रहों की होगी युति :
महाशिवरात्रि पर तीन ग्रहों की युति होने से इस बार शिव भक्तों को आशुतोष की विशेष कृपा प्राप्त होगी। धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण के साथ मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ.महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1965 के बाद फिर से सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे। मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में यही तीन ग्रह युति बनाएंगे। इस प्रबल योग में की गई साधना आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति प्रदान करेगी। पराक्रम और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सूर्य-बुध के केंद्र त्रिकोण योग का बड़ा लाभ मिलेगा। महाशिवरात्रि को मकर राशि के चंद्रमा की मौजूदगी में यह तीन ग्रह युति बनाएंगे। सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं तथा सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे। इस दिन शिवजी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। यह एक विशिष्ट संयोग एक शताब्दी में एक बार बनता हैं। जब अन्य ग्रह और नक्षत्र इस प्रकार के योग में विद्यमान होते हैं।
मंदिरों में होगी चार प्रहर की पूजा :
महाशिव रात्रि पर चार प्रहर की पूजा होगी। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11.09 बजे से होने के साथ ही 27 को सुबह 8.55 बजे तक रहेगी। निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जा सकेंगी। प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 6.22 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक, द्वितीय प्रहर रात्रि 9.30 बजे से मध्यरात्रि 12.39 बजे तक, तृतीय प्रहर पूजा का समय मध्यरात्रि 12.40 बजे से 27 फरवरी सुबह 3.48 बजे तक, चतुर्थ प्रहर पूजा का समय 27 फरवरी को सुबह 3.49 बजे से सुबह 6.57 बजे तक रहेगा।
ब्रह्म मुहूर्त में शुरू होगा जलाभिषेक का सिलसिला थाईलैंड और बैंगलूरू से मंगवाए गए हैं फूल :
चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में महंत अमित पाराशर के सान्निध्य में भगवान भोलेनाथ का श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में अभिषेक का सिलसिला शुरू होगा जो देर शाम तक चलेगा। इसके बाद विशेष झांकी सजाई जाएगी। वैशालीनगर के झारखण्ड महादेव मंदिर में सुबह 4.30 बजे पट खुलेंगे और रात 12 बजे पट बंद होंगे। शाम चार बजे तक भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके बाद थाईलैंड और बेंगलूरु से विशेष फूलों से विशेष झांकी सजाई जाएगी। 200 से अधिक स्वयंसेवक व्यवस्थाएं संभालेंगे। महिला-पुरुष की लाइनें अलग-अलग होंगी। बुजुर्गों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था रहेगी। शाम को भजन संध्या में भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया जाएगा।
कावड़ जल से करेंगे अभिषेक :
दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर परिसर के आनन्देश्वर महादेव का पुष्करराज से लाई जाने वाली कावड़ जल से जलाभिषेक किया जाएगा। यहां चार पहर की पूजा की जाएगी। झोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर महादेव, कूकस स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगेश्वर सदाशिव महादेव मंदिर में बिल्वपत्र, गंगाजल वितरण किया जाएगा। धूलेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का विशेष शृंगार किया जाएगा।
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