गांधी वाटिका में महात्मा का जीवन हो रहा जीवंत, 85 करोड़ की लागत से हुई तैयार
अहिंसा के विचार फिर जोर पकड़ने लगे
गांधी वाटिक में विचार विकसित और आंदोलन और प्रेक्टिकल वर्क किया गया है। गांधी के तकनीक विकसित की है, जिसमें गांधी अपने विचार बोलते दिख रहे है।
जयपुर। भारत देश में आध्यात्मिक एकता में विश्वास को निरूपित करने का कार्य अहिंसा के माध्यम से हो रहा है और यह सबसे बड़ा कर्तव्य है। इसका मनुष्य के बलिदानमय जीवन के पांच नैतिक सद्गुणों (सत्य, अहिंसा, प्रेम, सेवा और शांति) में से एक बताया गया है। पूरे देश में एक मात्र गांधी वाटिका (गांधी दर्शन म्यूजियम) जयपुर में पूर्व कांग्रेस सरकार ने स्थापना की। इस गांधी वाटिका में महात्मा का जीवन जीवंत हो रहा है। इसको तैयार करने में 85 करोड़ की लागत आई है। अब आमजन के लिए उद्घाटन के एक साल के बाद खुल रहा है।
गांधी अपने विचार बोलते दिख रहे
गांधी वाटिक में विचार विकसित और आंदोलन और प्रेक्टिकल वर्क किया गया है। गांधी के तकनीक विकसित की है, जिसमें गांधी अपने विचार बोलते दिख रहे है। गांधी वाटिक पूरे देश में कहीं पर भी नहीं है। जिसकी दिवारें विशेष प्रकार की मिट्टी से बनी है और खपरेल की छत है। विद्यार्थियों व लोगों को समझाने के नमक के पहाड़ बनाए है। गांधी का पूरा जीवन समझने का प्रयास किया है। गांधी के आश्रम के मॉडल बनाए है। गांधी वाटिक के चारों तरफ पर्यावरण सुरक्षा को लेकर 14 हजार पेड़ लगाए है।
गांधी के मार्ग से हो रही सभी समस्याओं का समाधानमहात्मा गांधी दिवस विशेषगांधी वाटिका कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रारम्भ किया जा रहा है। इसमें गांधी जी के बचपन, उनकी जीवन यात्रा, दक्षिण अफ्रीका यात्रा, सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन, चौरी-चोरा आन्दोलन इत्यादि को दर्शाया गया है।
-रवि जैन, शासन सचिव, पर्यटन, कला एवं संस्कृति तथा पुरातत्व विभाग।
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