मार्गशीर्ष माह शुरू, महीने भर होगी भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना
इस माह में श्री कृष्ण का ध्यान और उपासना सच्चे मन से करने पर मिलती है सभी पापों से मुक्ति
जयपुर। सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह का विशेष धार्मिक महत्व है। लोकभाषा में इस माह को अगहन भी कहा जाता हैं। ये माह भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय है। इस माह में श्री कृष्ण का ध्यान और उपासना सच्चे मन से करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही अमोघ फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेंद्र मिश्रा ने बताया कि स्कंद पुराण के अनुसार भगवान की कृपा प्राप्त करने की कामना रखने वाले श्रद्धालुओं को अगहन मास में कुछ धार्मिक नियमों का पालन करना चाहिए। इस माह में किए गए व्रत-उपवास से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। पुराणों के अनुसार इस महीने कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से प्राणी की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। स्त्रियों के लिए यह स्नान पति की लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला माना गया है।
शंख पूजन का मिलेगा विशेष लाभ
इस महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। साधारण शंख को श्रीकृष्ण को पांचजन्य शंख के समान समझकर उसकी पूजा करने से सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है। शंख में गंगाजल भरकर भगवान की आरती के बाद इस जल को पूरे घर में छिड़क दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी, जिससे घर में सुख-समृद्धि आएगी।
मंत्र साधना से मिलेगी सफलता
अगहन मास में जप, तप, ध्यान एवं दान करना शीघ्र फलदाई माना गया है। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और उनके मंत्रों का जाप करना इस माह में बहुत पुण्यदायी है। नमो भगवते वासुदेवाय: एक चमत्कारी मंत्र है। इस मंत्र का मार्गशीर्ष माह में जरूर जाप करें। संतान से जुड़ी हर परेशानी को दूर करने के लिए मार्गशीर्ष माह में कृष्णाय नम: मंत्र का दिन में 108 बार जप करना लाभकारी रहेगा।
तुलसी पूजा-गीता पाठ भी करें
कार्तिक की तरह इस माह में भी नित्य प्रति सुबह तुलसी को जल देने एवं शाम के समय घी का दीपक जलाने से श्रीकृष्ण की कृपा आप पर बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार विशेष रूप से इस मास में गीता का पाठ करने से श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं।
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