100 से ज्यादा शहरों के मास्टर प्लान अटके, अनियोजित विकास से बढ़ी समस्याएं
पुराने मास्टर प्लान की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है
नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने नगर नियोजन शाखा को प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जमीन पर इसका असर अब तक नजर नहीं आया है।
जयपुर। राजस्थान के 100 से अधिक शहरों के मास्टर प्लान तैयार होने में देरी से शहरी विकास की दिशा भटक रही है। नगरीय क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए तैयार किए जाने वाले इन मास्टर प्लानों के ड्राफ्ट तो बन चुके हैं, लेकिन अभी तक अंतिम स्वीकृति नहीं मिली है। इस देरी के कारण संबंधित शहरों में अनियोजित निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिससे मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार संबंधित अधिकारियों और सरकार से शिकायत की है कि पुराने मास्टर प्लान की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन नए मास्टर प्लान अभी तक जारी नहीं हुए हैं।
इससे भवन अनुमति, सड़क निर्माण, जल निकासी, और अन्य शहरी सुविधाओं में कई अड़चनें आ रही हैं। नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने नगर नियोजन शाखा को प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन जमीन पर इसका असर अब तक नजर नहीं आया है। देरी से शहरीकरण अव्यवस्थित हो रहा है, जिससे भविष्य में और बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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