आदर्श आचार संहिता: सरकारी कर्मचारी राजनीतिक पार्टी की गतिविधियों में शामिल हुए तो मिलेगी ये सजा
सरकारी कर्मचारियों को 6 महीने की जेल
विधानसभा आम चुनाव में सरकारी कर्मचारियों के राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर चुनाव आयोग ने प्रतिबन्ध लगा दिया है। अगर शामिल हुए तो 6 माह तक की जेल या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
जयपुर। विधानसभा आम चुनाव में सरकारी कर्मचारियों के राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर चुनाव आयोग ने प्रतिबन्ध लगा दिया है। अगर शामिल हुए तो 6 माह तक की जेल या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
भारत निर्वाचन आयोग के परिपत्र क्रमांक 62/84 दिनांक 6 11.1984 की ओर ध्यानाकर्षित किया जाकर राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के कर्मचारियों से यह अपेक्षा की गई है कि वे चुनाव के समय निष्पक्ष रहें एवं किसी राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेंवे चुनाव की घोषणा के बाद आयोजित होने वाली राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों की आम सभाओं में सरकारी कर्मचारियों को भाग लेने पर भी प्रतिबन्ध है। इस संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 129 तथा धारा 134 क के प्रावधान भी अवलोकनीय हैं। धारा 129 के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे निर्वाचनों के संचालन या प्रबन्धन से संबंधित किसी कर्तव्य पर नियुक्त किया जाता है तो वह व्यक्ति/कार्मिक अपना मत देने के अलावा ऐसा कोई काम नहीं करेगा जो किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभाव्यताओं को अग्रसर करता हो। इसका उल्लंघन निर्वाचन अपराध माना गया है जिसमें 6 माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
इसी प्रकार धारा 134 क के प्रावधानों के अनुसार अगर सरकार की सेवा में रहते हुए कोई व्यक्ति निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन अभिकर्ता या मतदान अभिकर्ता या गणन अभिकर्ता के रूप में काम करता है तो उसे 3 महीने की जेल या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
उपरोक्त प्रावधानों के अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाये गये आचरण नियमों में भी उनके किसी राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबन्ध है।

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