प्रदेश में जल्द लागू होगा नया को-ऑपरेटिव कोड, सहकारिता ने विधि विभाग को भेजा ड्राफ्ट
विशेषज्ञों के साथ ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र में भाग लिया
इससे पहले सहकारिता मंत्री ने एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, केरल, नई दिल्ली, कर्नाटक और असम के सहकारी कानूनों का गहन अध्ययन किया।
जयपुर। राजस्थान में सहकारिता क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रदेश का नया कोऑपरेटिव कोड जल्द लागू होने की संभावना है। सहकारिता अधिनियम 2001 को अधिक प्रासंगिक और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने नए को-ऑपरेटिव कोड का ड्राफ्ट विधि विभाग को भेज दिया है। इससे पहले सहकारिता मंत्री ने एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, केरल, नई दिल्ली, कर्नाटक और असम के सहकारी कानूनों का गहन अध्ययन किया। इस अध्ययन के आधार पर तैयार ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में रखा गया और जनता से सुझाव मांगे गए।
इसके बाद मंत्री गौतम कुमार ने विशेषज्ञों के साथ ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र में भाग लिया। राज्य सरकार ने इस कोड की घोषणा बजट में की थी। अब ड्राफ्ट विधि विभाग की मंजूरी के इंतजार में है। मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा। इस कोड से सहकारिता क्षेत्र में न केवल पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि इसे अधिक आधुनिक और व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाने में मदद मिलेगी।

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