कुसुम योजना में एक हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन क्षमता का बनाया नया कीर्तिमान

1.70 लाख से अधिक किसानों को दिन में मिलने लगी बिजली

कुसुम योजना में एक हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन क्षमता का बनाया नया कीर्तिमान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सौर ऊर्जा क्रांति का साक्षी बनता राजस्थान 

जयपुर। राजस्थान को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य की दिशा में पीएम-कुसुम योजना के माध्यम से एक बड़ी कामयाबी मिली है और राजस्थान ऐसा अग्रणी राज्य बन गया है, जहां इस योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के अन्तर्गत सौर ऊर्जा उत्पादन एक हजार मेगावाट से अधिक हो गया है। सौर ऊर्जा का उपयोग कर किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति की दिशा में भी राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है, आज प्रदेश में 1 लाख 70 हजार से अधिक किसानों को दिन में बिजली सुलभ होने लगी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहले दिन से ही निरंतर प्रयासरत हैं। पीएम कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के तहत ही 560 ग्रिड कनेक्टेड विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर 70 हजार से अधिक कृषि उपभोक्ताओं को दिन में बिजली दी जा रही है। इस योजना के कम्पोनेंट-बी में लगभग एक लाख किसानों के कृषि पम्पों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जा चुका है।

किसानों को दिन में बिजली का संकल्प: सीएम ने 2027 तक किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने का संकल्प व्यक्त किया है। योजना के फलीभूत होने का फायदा विद्युत वितरण निगमों को लगभग 3 रुपए प्रति यूनिट की सस्ती बिजली की उपलब्धता के रूप में मिल रहा है। डिस्कॉम्स को अब कृषि कार्य के लिए एक्सचेंज से महंगे दाम पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं होती। करीब एक हजार मेगावाट बिजली अतिरिक्त उत्पादन क्षमता विकसित करने में सरकार के बजट पर कोई अलग से भार नहीं आया है एवं साथ ही कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आ रही है।

हर दिन ग्रिड से जुड़ रहा एक नया संयंत्र
पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम तीन सालों में जहां केवल 92 प्लांट ही स्थापित किए जा सके थे। आज प्रदेश में कम्पोनेंट-सी में लगभग हर दिन औसतन एक नया सौर ऊर्जा संयंत्र ग्रिड से जुड़ रहा है। बीते 6 माह में प्लांटों के क्रियाशील होने की गति में और तेजी आई है। इस अवधि में कम्पोनेंट-ए में 183 मेगावाट क्षमता के 134 तथा कम्पोनेंट-सी में 514 मेगावाट क्षमता के 196 प्लांट स्थापित हुए हैं।

राजस्थान प्रथम तीन राज्यों में शामिल
योजना के कम्पोनेंट-बी का क्रियान्वयन उद्यानिकी विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत वर्तमान राज्य सरकार की ओर से 39 हजार से अधिक सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है एवं इस दृष्टि से राजस्थान देश में प्रथम तीन राज्यों में है। 

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