एयरपोर्ट पर अब घने कोहरे में भी लैंड हो सकेंगे विमान
खाद्य पदार्थ के काउंटर खोलने सहित अन्य कार्य किए
एयरपोर्ट पर हाल ही में कैट-3 बी सिस्टम व दो रियर टाइम सर्विलेंस रडार लगे है। इससे कम दृश्यता (घने कोहरे) में भी विमान लैंड हो सकेंगे।
जयपुर। अडानी समूह के जयपुर एयरपोर्ट को संभालने के बाद विकास कार्य गति पकड़ रहे है। एयरपोर्ट पर हाल ही में कैट-3 बी सिस्टम व दो रियर टाइम सर्विलेंस रडार लगे है। इससे कम दृश्यता (घने कोहरे) में भी विमान लैंड हो सकेंगे। वहीं पौधे लगाने, एलईडी लाइट लगाने और खाद्य पदार्थ के काउंटर खोलने सहित अन्य कार्य किए गए है। जयपुर एयरपोर्ट पर पहले घने कोहरे के चलते विमानों को होल्ड पर रखा जाता था या दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट किया जाता था। अडानी समूह के संभालने के बाद यहां कैट-3 बी सिस्टम लगाए गए। इससे कम दृश्यता में भी विमानों को सुरक्षित लैंड कराया जा सकेगा। इनके लगने के बाद सर्दियों के मौसम में यहां एक भी विमान को होल्ड पर नहीं रखा गया। वहीं दो रियर टाइम सर्विलेंस रडार भी लगाए गए है। इससे विमान के कहीं से भी उड़ान भरने के दौरान उसकी वास्तविक लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी। एयरपोर्ट पर वर्तमान में एचपीसीएल, रिलायंस, बीपीसीएल और आईओसीएल के फ्यूल स्टेशन बने हुए है। यहां से टैंकर में फ्यूल भरकर रनवे पर जाकर विमानों में भरा जाता है।
यह कार्य किए
एयरपोर्ट पर दस हजार पौधे लगाने, जानवरों से हादसा ना हो, इसके लिए जाल लगाने, 23 आउटलेट काउंटर खोलने सहित अन्य कार्य किए गए। इसी प्रकार बैगेज कोरियर सेवा, रेनवे पर मशीनीकृत स्वीपिंग मशीन व हाई टेक सेन्ट्रल कमांड सेंटर खोलने के साथ ही 150 एसी लगाए गए।
यह अभी होने हैं कार्य
एयरपोर्ट पर दो अपोलो फार्मेसी के काउंटर खोलने, ओला-उबर का काउंटर बनाने के कार्य किए जाएंगे। यहां पहले दो स्कैन मशीने लगी हुई थी। इनमें इंटरनेशनल व घरेलू यात्री एक साथ निकलते थे। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई। अब इंटरनेशनल व घरेलू यात्री अलग-अलग गेट से प्रवेश करना व निकलते है। इससे जाम की स्थिति नहीं बनती।
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