शुरू होने जा रही है पेट्रोलियम रिफाइनरी : 75 हजार करोड़ में तैयार, रोज 150 करोड़ की कमाई होगी
पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन
आगामी तीन-चार माह में पेट्रोल-डीजल उत्पादन, पेट्रो कैमिकल्स कॉम्पलेक्स बनने में एक साल और लगेगा
जयपुर। राजस्थान में बाड़मेर के पचपदरा से वाहनों का ईधन उत्पादन का सूरज उगने में अब चंद माह ही शेष बचे हैं। आगामी तीन-चार माह में पचपदरा में बन रही पेट्रोकैमिकल रिफाइनरी तैयार हो जाएगी और कू्रड ऑयल से पेट्रोल एवं डीजल उत्पादन शुरू हो जाएगा। 75 हजार करोड़ रुपए में तैयार होने वाली इस रिफाइनरी से रोजाना सरकारी खजाने में 150 करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान है। रिफाइनरी के साथ इंटीग्रेटेट पेट्रो कैमिकल्स कॉम्पलेक्स भी बनाया जा रहा है।
इसका निर्माण कार्य आगामी एक साल में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें कू्रड आयॅल से निकलने वाले वेस्ट से कई प्रोडेक्ट्स का निर्माण होगा। इससे बनाने में एचपीसीएल और राज्य सरकार का संयुक्त उपक्रम करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। सरकार रिफाइनरी का उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी के हाथों कराने का प्लान कर रही है। खान एवं पेट्रोलियम विभाग के उच्चस्थ सूत्रों के अनुसार विभाग अब इससे उत्पादन शुरू करने का फाइनल प्लान तैयार कर रहा है।
प्रदेश में दबा है 4 अरब बैरल क्रूड ऑयल, सालाना 9 एमएमटी उत्पादन क्षमता
पश्चिमी राजस्थान में करीब 4 अरब बैरल कू्रड ऑयल जमीन से निकलने की उम्मीद है। बीएस-6 मानक की यह 9 मिलियन मैट्रिक टन प्रति वर्ष पेट्रोलियम उत्पादन क्षमता की यह रिफाइनरी प्रतिदिन कू्रड ऑयल से 5.5 लाख बैरल पेट्रोल-डीजल उत्पादन करेगी। अत्याधुनिक रिफाइनरी में 10 प्रोसेस यूनिट है। अभी प्रदेश में निकल रहे कू्रड ऑयल को अन्य राज्यों की रिफाइनरी में ईंधन उत्पादन को भेजा जा रहा है। रिफाइनरी शुरू होने के बाद इसमें ही पेट्रोल-डीजल उत्पादित होगा। इससे जहां परिवहन सहित अन्य खर्च बचेगा, उसी अनुपात में सरकार की कमाई भी बढ़ेगी। ऐसे में रिफाइनरी पश्चिमी राजस्थान ही नहीं प्रदेश की तस्वीर भी बदलेगी।
12 साल लगे तैयार होने में, लागत दोगुनी हो गई
राजस्थान में गहलोत सरकार-दो के वक्त वर्ष 2012-13 में एचपीसीएल के साथ मिलकर रिफाइनरी लगाने का प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। तब डीपीआर में इसकी अनुमानित लागत करीब 37,230 करोड़ आंकी गई थी। इसका निर्माण पांच साल में किया जाना तय हुआ था। लेकिन निर्माण की तय समयावधि से 7 साल की देरी के चलते इसकी लागत 75 हजार करोड़ यानी करीब दोगुनी हो गई है।
कू्रड ऑयल से अब तक 125 लाख करोड़ कमाई हुई
राजस्थान में पश्चिम राजस्थान में कू्रड ऑयल जमीन से निकाला जा रहा है। बीते दस साल से हर साल उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है। अभी करीब 1.85 लाख बैरल कू्रड ऑयल रोज निकाला जा रहा है। अभी तक करीब 125 लाख करोड़ का राजस्व आ रहा है, जिसमें से करीब 76 लाख करोड़ केन्द्र और 49 लाख करोड़ का राजस्व प्रदेश के हिस्से का मिल चुका है।
गहलोत-वसुन्धरा सरकार में सियासी मुद्दा बनी, भजनलाल सरकार में रफ्तार से काम
गहलोत सरकार-दो में जब तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने एचपीसीएल के साथ इसके निर्माण का एमओयू किया तो चुनावी वर्ष होने के कारण रिफाइनरी प्रदेश खासकर पश्चिमी राजस्थान में सियासी मुद्दा भी बनी। उपक्रम में सरकार की छब्बीस फीसदी हिस्सेदारी को कम बताते हुए भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था। गहलोत ने सोनिया गांधी से इसका उद्घाटन कराया। बाद में सत्ता चली गई। वसुन्धरा राजे 2013-14 में सीएम बनी। उन्होंने फिर से उपक्रम की शर्तों में बदलाव करवाया। पीएम नरेन्द्र मोदी से उद्घाटन कराया, लेकिन रिफाइनरी का करीब 20-25 फीसदी ही काम हो सका। वर्ष 2018 में फिर से कांग्रेस सत्ता में आई। गहलोत फिर सीएम बने, लेकिन पांच साल में वे भी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाए। केवल 61 फीसदी तक ही काम पूरा हो सका, लेकिन वर्तमान भजनलाल सरकार बनने के बाद 2023-24 से इसके काम को रफ्तार मिली। अब रिफाइनरी मूर्तरूप ले रही है।
सवा लाख को लोगों को मिलेगा रोजगार
रिफाइनरी और इंटीग्रेटेड पेट्रो कैमिकल्स कॉम्पलेक्स तैयार हो जाने के बाद प्रदेश में 35 हजार लोगों को सीधे और करीब 90 हजार लोगों को अप्रत्यक्षत: रोजगार मिलेगा।

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