सरकारी वेबसाइट्स की सुरक्षा के लिए बनेगा अत्याधुनिक साइबर शील्ड, आईटी मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने ली डीओआईटी विभाग की बैठक
प्रक्रियाओं के विकास पर चर्चा की
साइबर सिक्योरिटी को और अधिक सुदृढ़ करने, तकनीकी उन्नति, मानव संसाधन और प्रक्रियाओं के विकास पर चर्चा की गई।
जयपुर। पिछले एक सप्ताह में आधा दर्जन सरकारी महकमों की वेबसाइट्स पर बढ़ते साइबर हमलों के बाद अब राज्य सरकार ने इन्हें रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की दिशा में कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए अति-आधुनिक साइबर शील्ड बनाई जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शनिवार को साइबर वॉरियर्स और डीओआईटी विभाग के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें साइबर सिक्योरिटी को और अधिक सुदृढ़ करने, तकनीकी उन्नति, मानव संसाधन और प्रक्रियाओं के विकास पर चर्चा की गई।
पीपुल, प्रोसेस, टेक्नोलॉजी का त्रि-आयामी दृष्टिकोण
आईटी मंत्री राठौड़ ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी केवल सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर तैयार करने तक सीमित नहीं है। इसके लिए तीन प्रमुख तत्वों पीपुल, प्रोसेस और टेक्नोलॉजी का समन्वय जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल तकनीक पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना होगा ताकि विदेशी निर्भरता कम हो। साइबर सिक्योरिटी से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने के लिए संरचित और असंरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राजस्थान का आईटी विभाग सर्वश्रेष्ठ होगा
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को देश का सर्वश्रेष्ठ बनाने का संकल्प दोहराया। हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान का आईटी विभाग राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल बने। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराधी हर दिन चालाक बनते जा रहे हैं। ऐसे में आईटी प्रोफेशन से जुड़े हर व्यक्ति को भी हर दिन अपडेट और सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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