अरावली पर्वतमाला के निर्णय पर कांग्रेस के पूर्व सचिव महेंद्रसिंह खेड़ी का कड़ा विरोध, कहा- अरावली को कमजोर करने का भाजपा सरकार का फैसला राजस्थान के भविष्य के साथ विश्वासघात
अवैध खनन और अंधाधुंध निर्माण का रास्ता खोला जा रहा
कांग्रेस के पूर्व सचिव महेंद्रसिंह खेड़ी ने भाजपा सरकार के अरावली पर्वतमाला को लेकर लिए गए उस निर्णय पर कड़ा विरोध दर्ज कराया, जिसमें 100 मीटर तक की पहाड़ियों को अरावली की परिभाषा से बाहर करने का प्रावधान किया गया। खेड़ी ने बयान जारी कर कहा कि यह फैसला केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि राजस्थान की जलवायु, पर्यावरण और प्राकृतिक संतुलन पर सीधा प्रहार।
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेंद्रसिंह खेड़ी ने भाजपा सरकार के अरावली पर्वतमाला को लेकर लिए गए उस निर्णय पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जिसमें 100 मीटर तक की पहाड़ियों को अरावली की परिभाषा से बाहर करने का प्रावधान किया गया है। खेड़ी ने बयान जारी कर कहा कि यह फैसला केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि राजस्थान की जलवायु, पर्यावरण और प्राकृतिक संतुलन पर सीधा प्रहार है। अरावली पर्वतमाला राजस्थान में वर्षा को रोकने, रेगिस्तान के फैलाव को रोकने, आंधी-तूफानों से सुरक्षा देने और भूजल स्तर बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भाजपा सरकार का यह निर्णय स्पष्ट रूप से खनन माफियाओं, रियल एस्टेट लॉबी और निजी हितों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया प्रतीत होता है।
100 मीटर की सीमा तय कर अरावली क्षेत्र में अवैध खनन और अंधाधुंध निर्माण का रास्ता खोला जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को गंभीर जल संकट और पर्यावरणीय असंतुलन का सामना करना पड़ेगा। अरावली पर्वतमाला राजस्थान की संस्कृति, सभ्यता और प्रकृति की अमूल्य धरोहर है। इसे कॉर्पोरेट लाभ के लिए कमजोर करना प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात है। अरावली को लेकर लिया गया 100 मीटर की सीमा वाला फैसला तत्काल वापस लिया जाए। अरावली पर्वतमाला को पूर्ण पर्यावरणीय एवं कानूनी संरक्षण प्रदान किया जाए। अरावली क्षेत्र में खनन और अवैध निर्माण पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए। खेड़ी ने कहा है कि सरकार इस जनविरोधी, पर्यावरण विरोधी फैसल को वापस नहीं लेती है तो हम इसके विरोध में जनआंदोलन करेंगे।

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