बगराना में ठगराना कांड : लापरवाह पारस कंपनी के खिलाफ चालकों का फूटा ग़ुस्सा, 100 लो-फ्लोर बसें थमीं
पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता तक नहीं
सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के बगराना आगार में मंगलवार सुबह निजी कंपनी पारस के चालकों ने अचानक हड़ताल करते हुए बस संचालन पूरी तरह ठप्प कर दिया। हड़ताल के कारण करीब 100 लो-फ्लोर बसें सड़क से गायब रहीं, जिससे रोजाना काम पर जाने वाले हजारों कर्मचारी और छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर में कुल 200 बसें ही चलती हैं, ऐसे में आधी क्षमता ठप होना बड़ा झटका माना जा रहा है।
जयपुर। सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) के बगराना आगार में मंगलवार सुबह निजी कंपनी पारस के चालकों ने अचानक हड़ताल करते हुए बस संचालन पूरी तरह ठप्प कर दिया। हड़ताल के कारण करीब 100 लो-फ्लोर बसें सड़क से गायब रहीं, जिससे रोजाना काम पर जाने वाले हजारों कर्मचारी और छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर में कुल 200 बसें ही चलती हैं, ऐसे में आधी क्षमता ठप होना बड़ा झटका माना जा रहा है। चालकों का आरोप है कि पारस कंपनी श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही है, वेतन वृद्धि की अनदेखी होती है, और कर्मचारियों को ईएसआई/पीएफ की सुविधा तक सही ढंग से नहीं मिल रही।
गंभीर आरोप यह भी है कि ऑन-ड्यूटी एक चालक के लकवाग्रस्त होने और एक चालक की मौत के बाद भी कंपनी व प्रशासन ने संवेदनहीनता दिखाई, पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता तक नहीं दी। चालकों ने यह भी खुलासा किया कि बिना उचित मेंटेनेंस के बसें सड़क पर उतारी जा रही हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। टोंक फाटक पुलिया पर आग लगने और कई दुर्घटनाओं के दर्जनों उदाहरण इस लापरवाही की पुष्टि करते हैं। सवाल यह है कि आमजन की जान ख़तरे में डालकर आखिर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है? संचालन ठप होने से बगराना आगार में प्रशासनिक व्यवस्थाओं और निजी ऑपरेटिंग फर्म की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

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