सीताराम मंदिर में ठाकुर जी के साथ खेली गई होली, भजनों की गूंज ने मोहा मन
रंग-गुलाल का उत्सव
शहर के प्रसिद्ध सीताराम जी मंदिर में भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह उपरांत होली खेलने का भव्य आयोजन किया गया
जयपुर। शहर के प्रसिद्ध सीताराम जी मंदिर में भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह उपरांत होली खेलने का भव्य आयोजन किया गया। मंदिर परिसर भक्तों से भर गया, जहां ठाकुर जी को भजन और गीत गाकर रंगों से सराबोर किया गया। यह आयोजन धार्मिक उल्लास और परंपराओं के समन्वय का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। मंदिर समाज के सचिव रामबाबू झालानी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परंपरा भगवान श्रीराम के विवाह के बाद उनके पहली बार ससुराल आने पर आधारित है। कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम ने पहली बार ससुराल में होली खेली थी। उसी परंपरा को निभाते हुए ठाकुर जी के विग्रह पर फूलों और प्राकृतिक रंगों से होली खेली गई। भक्तों ने गीत और भजन गाकर इस आयोजन को और भी दिव्य बना दिया।
भजनों की गूंज ने मोहा मन
कार्यक्रम के दौरान भक्तों ने पारंपरिक होली गीत और भजन गाए। "होली खेले रघुवीरा अवध में" जैसे भजनों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। भगवान श्रीराम और माता सीता की मूर्तियों को विशेष वस्त्रों और आभूषणों से सजाया गया, जिससे उनका दिव्य स्वरूप और निखर गया।
रंग-गुलाल का उत्सव
मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान को अबीर-गुलाल अर्पित किया और एक-दूसरे को रंग लगाया। यह आयोजन समाज में आपसी प्रेम, सौहार्द और भक्ति का संदेश देता है। रामबाबू झालानी ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष धूमधाम से किया जाता है और भक्तों को भगवान के विवाह पश्चात होली खेलने की पौराणिक घटना की स्मृति दिलाता है। इस पावन अवसर पर भक्तों ने ठाकुर जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर में ऐसा भक्तिमय माहौल देखकर हर कोई आनंदित हो उठा।
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