किसान ने खेत में पेड़ से लगाई फांसी, ग्रामीण शव रखकर धरने पर बैठे, ग्रामीणों का आरोप- लापता बेटी के मामले में पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की
उदयपुरिया गांव में 45 वर्षीय गणेश देवरिया ने अपने खेत में पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
दूदू। उदयपुरिया गांव में 45 वर्षीय गणेश देवरिया ने अपने खेत में पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जैसे ही गांव और आसपास के क्षेत्र में खबर फैली बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने शव जमीन पर रखकर धरना शुरू कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों के अनुसार मृतक गणेश देवरिया की बेटी तीन माह पूर्व अचानक घर से लापता हो गई थी। इस संबंध में परिजनों ने दूदू थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट के बावजूद पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते परिजनों ने आला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी संपर्क किया, यहां तक कि 23 जुलाई को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बेरवा के आवास पर पहुंचकर अपनी व्यथा भी सुनाई, लेकिन कहीं से भी संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई।
परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि इस अनदेखी और निष्क्रियता के चलते गणेश मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुका था। अंतत: शुक्रवार सुबह उसने अपने खेत में फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया।घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर गोपाल परिहार, एसडीएम रमेश कुमार, एडिशनल एसपी शिवलाल बैरवा मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। इस दौरान आरएलपी के रामदयाल ओला, संजय मीणा, कांग्रेस के युवा नेता अरीफ शेख, अध्यक्ष कमलेश रोज समेत कई नेता भी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए।
घटना के चार घंटे बाद गाड़ौता सरपंच शिवजीराम खोड़िया, राजू रनवा, और अन्य स्थानीय नेता भी पहुंचे। घटना के करीब 10 घंटे बाद भी मृतक के शव को नहीं उठाया गया था और परिजन अपनी मांगों पर अड़े हथे। खबर लिखे जाने तक प्रशासन और परिजनों के बीच किसी प्रकार की सहमति नहीं बन सकी थी।

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