फसल बीमा योजना में मुआवजे की मुद्दा सदन में फिर गूंजा, बिश्नोई ने कहा- फसल में हुई हानि का आकलन कर बीमा क्लेम दिए जाने का प्रावधान
48 घंटे के अंदर बीमा कंपनी द्वारा सर्वे के लिए की जाती है नियुक्ति
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को फसल बीमा योजना के मुआवजे का मामला फिर गूंजा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को फसल बीमा योजना के मुआवजे का मामला फिर गूंजा। विधायक जीवा राम चौधरी ने सांचौर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मुआवजे को लेकर सवाल किया। मंत्री केके बिश्नोई ने जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खड़ी फसल बुवाई से कटाई तक सूखने की अवधि, जल प्लावन, भू संकलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक तूफान ओलावृष्टि, चक्रवात के कारण उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा क्षेत्रीय दृष्टिकोण के कारण देय होता है।
औसत उपज के अनुमान मुख्य फसलों हेतु पटवार स्तर पर चार फसल कटाई प्रयोग तहसील स्तर पर 16 कटाई प्रयोग हेतु आयोजित कराई जाते हैं। प्रभावित बिमित फसल के कृषक को घटना घटने के बेहतर घंटे में भारत सरकार द्वारा संचालित कृषि रक्षक पोर्टल एवं हेल्पलाइन या लिखित में संबंधित वित्तीय संस्थान, कृषि विभाग को सूचना देना जरूरी है। सूचना प्राप्ति के 48 घंटे के अंदर बीमा कंपनी द्वारा सर्वे के लिए नियुक्ति की जाती है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बिमित फसल के कृषि को व्यक्तिगत स्तर पर फसल में हुई हानि का आकलन कर बीमा क्लेम दिए जाने का प्रावधान है।
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