डायबिटीज के 20% मरीजों में हो रही फ्रोजन शोल्डर की समस्या, पुणे के आर्थोस्कोपी सर्जन डॉ. आशीष बाबुलकर ने दी जानकारी
20 प्रतिशत मरीज कंधे की गंभीर समस्या फ्रोजन शोल्डर की समस्या से ग्रसित
भारत में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज हैं और इनमें से 20 प्रतिशत मरीज कंधे की गंभीर समस्या फ्रोजन शोल्डर की समस्या से ग्रसित हैं।
जयपुर। भारत में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज हैं और इनमें से 20 प्रतिशत मरीज कंधे की गंभीर समस्या फ्रोजन शोल्डर की समस्या से ग्रसित हैं। ये मरीज अपना हाथ उठाने में भी समर्थ नहीं हो पाता है। अगर इन मरीजों के एक कंधे में साल भर तक यह समस्या रही तो अगले कंधे में भी फ्रोजन शोल्डर हो जाता है। शहर में रविवार को आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप जयपुर शोल्डर कोर्स में पुणे के प्रसिद्ध शोल्डर एंड आर्थोस्कोपी सर्जन डॉ. आशीष बाबुलकर ने यह जानकारी दी।
वर्कशॉप के समन्वयक डॉ. नवीन शर्मा ने बताया कि इस वर्कशॉप के प्रदेश के 250 से अधिक जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थोस्कोपी सर्जन ने भाग लिया। इस दौरान कंधे की समस्याएं जैसे फ्रोजन शोल्डर, रोटेटर कफ इंजरी,बर्साइटिस, टेंडिनाइटिस, डिसलोकेशन, शोल्डर इम्पिन्जमेंट सिंड्रोम की पहचान और उसकी सर्जरी के नए तरीकों के बारे में बताया गया।
शरीर में घुल जाएंगे बायोकंपोजिट इंप्लांट :
एक्सपर्ट्स ने बताया कि रोटेटर कफ टियर जैसी जटिल समस्याओं के उपचार में अब बायोकंपोजिट इंप्लांट नई क्रांति ला रहे हैं। ये इंप्लांट बायोटेक्नोलॉजी से बने होते हैं, जो सर्जरी के दौरान मात्र पांच मिनट में लगाए जा सकते हैं। इन्हें दूरबीन की मदद से कंधे की मांसपेशियों से जोड़ा जाता है। छह माह में यह इंप्लांट घुलकर मांसपेशी जैसा रूप ले लेता है और उसे मजबूती देता है।
डायबिटीज के कारण 30 से 40 उम्र में भी आ रहे फ्रोजन शोल्डर के मामले :
बाबुलकर ने बताया कि कई बार कंधे में इतना तेज दर्द होता है कि मरीज के लिए सामान्य मूवमेंट कर पाना भी बेहद मुश्किल होता है। कंधे का यह लंबे समय तक होता है तो यह फ्रोजन शोल्डर के संकेत हैं। 60 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के 30 प्रतिशत लोगों में और 80 साल से ज्यादा उम्र होने पर 40 प्रतिशत लोगों में फ्रोजन शोल्डर देखने को मिलता है, लेकिन अब डायबिटीज के कारण 30 से 40 साल के लोग भी फ्रोजन शोल्डर की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें ज्यादातर लोगों को कम से कम पांच साल से डायबिटीज होती है।
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