पेयजल संकट को लेकर वसुंधरा राजे ने अधिकारियों को लगाई फटकार : पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे; अफ़सर सो रहें है, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी
क्या जनता को प्यास नहीं लगती, केवल आप अफ़सरों को ही लगती है
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता वसुन्धरा राजे ने झालावाड़ जिले में पेयजल संकट को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई।
झालावाड़। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता वसुन्धरा राजे ने झालावाड़ जिले में पेयजल संकट को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा है कि पानी कागजों में ही नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचाना चाहिए। राजे रायपुर कस्बे में पेयजल संकट की शिकायत पर जनजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों के बीच फटकार लगाते हुए कहा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती, केवल आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त हैं। अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 42 हजार करोड़ रुपए जल जीवन मिशन में दिए हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया। उन्होंने कहा कि पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है। यह तो अप्रैल महीने का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा।
इस दौरान अधीक्षण अभियंता दीपक सिंह झा सहित वहां मौजूद कई अधिकारी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाये, तो राजे ने कहा कि लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। यहां ऐसा हरगिज नहीं चलेगा। इस अवसर पर राजे के पुत्र एवं सांसद दुष्यंत सिंह भी मौजूद थे। इसके बाद उन्होंने कड़ोदिया गांव में सीएचसी भवन एऊ मथानिया में पीएचसी भवन का उद्घाटन किया।

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