भानु सप्तमी पर त्रिपुष्कर योग का दुर्लभ संयोग, सूर्य उपासना से मिलेगा अमोघ फल
जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता
माना जाता है कि इस दिन सूर्य उपासना से अमोघ फल का लाभ मिलने की संभावना है
जयपुर। भानु सप्तमी पर त्रिपुष्कर योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य उपासना से अमोघ फल का लाभ मिलने की संभावना है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 20 अप्रैल को वैशाख कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी पर्व मनाया जा रहा है। यह तिथि इस बार रविवार को पड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, इस दिन दुर्लभ त्रिपुष्कर योग, सिद्ध योग तथा शुभ नक्षत्रों का संगम बन रहा है। यह संयोग साधकों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी है।
भानु सप्तमी पूर्णतया सूर्य देव को समर्पित पर्व है। इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान कर सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। सुविधा न होने पर गंगाजल मिले जल से स्नान कर घर पर ही पूजा की जा सकती है। सूर्य को अर्घ्य देने के साथ 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी माना गया है। त्रिपुष्कर योग दोपहर 11:48 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा। वहीं सिद्ध योग रात्रि 12:13 बजे तक प्रभावी रहेगा। इन योगों में की गई पूजा, दान और व्रत से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और सूर्य उपासना करने से आत्मबल, आरोग्यता और सफलता प्राप्त होती है। भक्त अन्न, जल, धन का दान कर पुण्य अर्जित करते हैं। डॉ. व्यास के अनुसार, भानु सप्तमी पर व्रत करने से जाने-अनजाने के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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