राज्य सरकार ने दी व्हाइट गंगा फ्रूट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को क्लीन चिट, डेयरी चेयरमैन ने कंपनी और डेयरी एमडी पर लगाए थे आरोप
सरस डेयरी से दूध का टैंकर बेचने का मामले में हुए चौंकाने वाले खुलासे
कम्पनी निदेशक ने सुशीला भूतौली के पति राजाराम से हुई बातचीत और डेयरी से निकले टैंकर के सभी सबूतों के साथ खुलासा किया है।
जयपुर। भरतपुर सरस डेयरी की अध्यक्ष सुशीला भूतौली की ओर से डेयरी एमडी राजेश नारायण जाट और व्हाइट गंगा फ्रूट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विक्रम सिंह समेत अन्य दो कर्मियों के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सीधे थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर इस्तगासे के जरिए उद्योग नगर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट के कई तथ्यों को एमडी और कम्पनी निदेशक ने सबूतों के साथ नकार दिया है। हालांकि इस मामले में राज्य सरकार ने भी व्हाइट गंगा फ्रूट प्राइवेट लिमिटेड को जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है। कम्पनी निदेशक ने सुशीला भूतौली के पति राजाराम से हुई बातचीत और डेयरी से निकले टैंकर के सभी सबूतों के साथ खुलासा किया है।
एमडी राजेश नारायण का दावा है कि उनके आने से पहले संघ भ्रष्ट तंत्र के चलते छह करोड़ रुपए घाटे में था, जो अब 46 लाख रुपए के फायदे में है। शुरुआत में वैण्डर समितियों के खिलाफ कार्रवाई करना अध्यक्ष और उनके पति राजाराम को नागवार गुजरा तो झूठे आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवा दी। व्हाइट गंगा फ्रूट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि प्रति लीटर मुझे 42 पैसे का लाभ होता है और सुशीला के पति राजाराम ने मुझसे प्रति लीटर दो रुपए का कमीशन मांगा था, ऐसे में मैंने दूध लेना ही बंद कर दिया।
चेयरमैन ने दर्ज कराई थी एफआईआर
इस मामले में भरतपुर सरस डेयरी की अध्यक्ष सुशीला भूतौली की ओर से इस्तगासे के जरिए फरवरी महीने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उसमें दूध के टेंकर चोरी कराने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस अभी जांच कर रही है। सुशीला का आरोप है पुलिस सही ढंग से जांच नहीं कर रही। उन्होंने नवज्योति को बताया कि कंपनी को मिलीभगत से 65 फैट का दूध देते हैं और रिकॉर्ड में 61 फैट दर्शाते हैं।
विधानसभा में आ चुका है मामला
यह मामला राजस्थान विधानसभा में भी आ चुका है। इसको अतारांकित प्रश्न के जरिए भरतपुर के विधायक सुभाष गर्ग ने उठाया था। उसके उत्तर में राज्य सरकार ने सदन में जानकारी दी है कि व्हाइट गंगा फ्रूट प्राइवेट लिमिटेड नाम की इस दूध कंपनी को राजस्थान को-ऑपरेटिव फेडरेशन को निर्धारित दरों पर दूध बेचा गया है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई। इसलिए सरकार ने क्लीन ने इसे क्लीन चिट दे दी है और फिलहाल कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं है।
इनका कहना है...
मैंने गत 26 अक्टूबर को संघ के प्रबंध संचालक का पद संभाला। इस दौरान संघ की सम्पूर्ण गतिविधियों की जांच की तो खुलासा हुआ कि संघ की लेनदारी व देनदारी में पूर्व से ही करीब छह करोड़ रुपए का घाटा चल रहा है। वर्तमान संचालक मण्डल अध्यक्षा व उनके पति राजाराम भूतौली ने संघ प्रशासन पर दबाव बनाकर संघ में वेण्डर समितियों-प्राइवेट दूध के ठेकेदारों से मिलीभगत कर संघ को हानि पहुंचाई जा रही थी। मैंने संघ हित में वैण्डर समितियों पर कार्रवाई की तो वैण्डर समितियों के समर्थन में आकर चेयरमैन व उनके पति ने संघ में कई बार काफी हुड़दंग मचाया। संघ प्रशासन पर झूठे आरोप लगाकर संघ प्रशासन और संघ की छवि को खराब किया। हमारे प्रयासों से आज संघ लाभ में है। इस प्रकरण में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई।
-राजेश नारायण जाट, एमडी भरतपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी लिमिटेड
नए एमडी राजेश नारायण से पूर्व दूध की क्रय विक्रय की समस्त डील चेयरमैन पति राजाराम भूतौली के द्वारा की गई हैं, इसके साक्ष्य मौजूद हैं, चेयरमैन के द्वारा यह कहा गया कि मैं व्हाइट गंगा मालिक को नहीं जानती हूं, यह बात गलत है। आरसीडीएफ के किसी जिला संघ से दूध क्रय हेतु एग्रीमेंट की आवश्यकता नहीं है। केवल आरसीडीएफ की गाइडलाइन का पालना करनी होती है। चेयरमैन कह रही हैं कि एग्रीमेंट नहीं हुआ यह बात गलत है। मेरा कोई भी टैंकर पूर्व में भरतपुर डेयरी बिना एडवांस पेमेंट के भरतपुर नहीं गया। व्हाइट गंगा फर्म के द्वारा चेयरमैन और चेयरमैन पति के खिलाफ शीघ्र न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।’
-विक्रम सिंह, डायरेक्टर व्हाइट गंगा मिल्कफूड प्राइवेट लिमिटेड
Comment List