हीलिंग स्ट्रोक्स : कला की कहानी रंगों की जुबानी, डॉ. सुषमा महाजन के चित्रों की प्रदर्शनी का केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत करेंगे उद्घाटन

ईश्वर के जरिए दृश्य जगत के सौंदर्य में जगाते हैं आस्था 

हीलिंग स्ट्रोक्स : कला की कहानी रंगों की जुबानी, डॉ. सुषमा महाजन के चित्रों की प्रदर्शनी का केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत करेंगे उद्घाटन

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुषमा महाजन की ओर से बनाए चित्रों की प्रदर्शनी ‘हीलिंग स्ट्रोक्स’ का शुभारंभ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत शनिवार को सुबह 11 बजे करेंगे

जयपुर। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुषमा महाजन की ओर से बनाए चित्रों की प्रदर्शनी ‘हीलिंग स्ट्रोक्स’ का शुभारंभ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत शनिवार को सुबह 11 बजे करेंगे। होटल ताज आमेर में जलरंगों से सजे कैनवास का यह प्रदर्शन 23 मार्च रात 8 बजे तक रहेगा।

पेशे से रेडियोलॉजिस्ट डॉ. महाजन की चित्रकारी किसी विशेष शैली से सम्बद्ध नहीं है। उन्होंने मानव रचित और प्राकृतिक सुंदरता को बेहद खूबसूरती से अपने ब्रश के सहारे कैनवास पर उकेरा है। उनके चित्रों का आकर्षक और विविध संसार दर्शकों को उसी में खो जाने के लिए विवश करता हैं। वर्तमान प्रदर्शनी के खूबसूरत चित्रों की मुख्य विषयवस्तु मंदिर एवं आध्यात्म, प्रकृति एवं वन्य जीव, ऐतिहासिक वास्तुकला एवं कारें हैं। इस प्रदर्शन में शामिल कुल 46 कृतियों में से 8 आध्यात्मिक रचनाएं हैं, जो मन को सुकून प्रदान करती है। संगीत वाद्यों के साथ भगवान गणेश, शिव और राधा कृष्ण का साक्षात एवं जीवंत रूप में चित्रण किया गया हैं। जयपुर शहर के कई कला प्रेमियों ने चित्र प्रदर्शन में शिरकत की और डॉ.महाजन के कला संसार में जलरंगों के बेहतरीन समायोजन को सराहा।

ईश्वर के जरिए दृश्य जगत के सौंदर्य में जगाते हैं आस्था 
साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित कवि, कला समीक्षक डॉ. राजेश कुमार व्यास ने कहा कि सूफीवाद में रंगरेज का मतलब है, वह जो आपको ईश्वर की आस्था में रंग दे। डॉ. सुषमा महाजन के चित्र ऐसे ही हैं। ईश्वर के जरिए दृश्य जगत के सौंदर्य में गहरी आस्था जगाते हैं। मुझे लगता है डॉ. महाजन का मन रंगरेज है। वह रंगों में भाव-सृष्टि कर जीवन के उल्लासित अर्थ हमें देती हैं। यह कला प्रदर्शनी डॉ.महाजन की रंगों की सूक्ष्म सूझ में गूंथी व्यंजना है। उनके ‘मन रंगरेज’ ने जिस तरह से दृश्य-संवेदना का ताना-बाना यहां बुना है, उसमें हम चित्रों के जरिए स्थापत्य और वास्तु कला संग संगीत की स्वर लहरियों को सुन और गुन सकते हैं। डॉ. महाजन के चित्रों की दो माह के अंतराल में यह दूसरी प्रदर्शनी है। जवाहर कला केन्द्र में जनवरी में लगी प्रदर्शनी को राजस्थान के कला प्रेमियों की भरपूर सराहना मिली थी। अब तक नई दिल्ली के इंडिया हैबिटाट सेंटर और जयपुर में भी उनके चित्रों की 6 एकल प्रदर्शनियां लगाई जा चुकी हैं।

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