संस्कृत विवि में नाट्य लेखन कार्यशाला, नाट्य परंपरा अत्यंत समृद्ध : शर्मा
उत्कृष्ट साहित्य की सृजनात्मकता बढ़े
परिसर के निदेशक प्रो. वाईएस ने पूर्ववर्ती नाट्य लेखन कार्यशालाओं में रचित नाटकों पर चर्चा की।
जयपुर। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में राष्ट्रीय नाट्य लेखन कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. शिवराम शर्मा ने कहा कि संस्कृत नाट्य परंपरा अत्यंत समृद्ध है। आवश्यकता है कि आधुनिक विषयों को भी नाट्य लेखन का अंग बनाएं और नवीन नाटकों की रचना करें।
परिसर के निदेशक प्रो. वाईएस ने पूर्ववर्ती नाट्य लेखन कार्यशालाओं में रचित नाटकों पर चर्चा की। विशिष्ट अतिथि प्रो. पराग जोशी ने कहा नाटक केवल पुस्तक तक सीमित न रहे, मंच पर उसका प्रभाव अधिक पड़ता है। विशिष्ट अतिथि प्रो.बोध कुमार झा ने युवाओं से आग्रह किया कि संस्कृत नाट्य परंपरा को जीवंत बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि नवोदित लेखक वरिष्ठ नाट्यशास्त्रियों के मार्गदर्शन में काम करें, जिससे उत्कृष्ट साहित्य की सृजनात्मकता बढ़े।

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