सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग की राजस्थान में प्रचूर संभावना
भारत में उद्योग का आकार एक लाख करोड़
देशभर में सौर ऊर्जा की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है। मांग को पूरी करने के लिए देशभर में गुजरात के सोलर पैनल निर्माता का बाजार पर अधिक दबदबा है।
जयपुर। देशभर में सौर ऊर्जा की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है। मांग को पूरी करने के लिए देशभर में गुजरात के सोलर पैनल निर्माता का बाजार पर अधिक दबदबा है। राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता सबसे अधिक है। लेकिन यहां सोलर पैनल इंडस्ट्री को सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। राजस्थान में मात्र चार निर्माता कंपनी है। यूपीए दो सरकार में शुरू हुई योजना अब मोदी सरकार में मूर्त रुप धारण कर चुकी है। दस हज़ार मेगावाट की मांग बढ़कर 45,000 मेगावाट की मांग हो गई है। आगामी दो साल में एक लाख मेगावाट की मांग होगी। एमपी, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में राज्य सरकार खुद के राज्य से सोलर पैनल खरीदने का प्रावधान है। राजस्थान में ऐसा कुछ नहीं है। 2030 तक 500 गीगा वाट की जरूरत है।
इंसोलेशन एनर्जी लिमिटेड के चेयरमैन मनीष गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में रोजगार और निवेश बढ़ाने के लिए सरकार को डेडीकेटेड सोलर पैनल इंडस्ट्री हब डेवलप करना होगा। इससे सरकार की रेवेन्यू भी बढ़ेगी। फिलहाल तीस से चालीस प्रतिशत कच्चा माल चीन से आता है। देशभर में सोलर पैनल इंडस्ट्री दस गुणा बड़ने की क्षमता है। यहां घरेलू उद्योग बढ़ेंगे तो रोजगार के अवसर मिलेंगे।
आयात पर निर्भरता घटी
भारत की मांग 85 प्रतिशत आयातित पैनल से होती थी, जो कि अब घटकर 50 प्रतिशत हो गई। निरंतर निर्माता कंपनियों की ओर से भारत में उत्पादन क्षमता बढ़ाने से आयात में कटौती होगी।
राजस्थान में आरटीटीपी एक्ट लागू नहीं
राजस्थान में सरकारी खरीद के लिए राजस्थान ट्रांसप्रेंसी प्रोक्योरमेंट प्रोसेस एक्ट 2012 बना हुआ हैं, लेकिन सरकार में लागू नहीं है। पड़ोसी राज्यों से पिछड़ने का राजस्थान के उद्योगों का यह भी एक प्रमुख कारण है।

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