श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को मान्यता, भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री का जताया आभार
ऐतिहासिक पहल के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना
UNESCO की यह मान्यता भारत की सांस्कृतिक संपदा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण और मान्यता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र का UNESCO के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल होना पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने इसे भारत सरकार के सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन के प्रति किए गए अथक प्रयासों का परिणाम बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाती है। गीता, जो जीवन दर्शन का मूल है, और नाट्यशास्त्र, जो कला और नाटक का आधार है, इनकी मान्यता हमारे सांस्कृतिक इतिहास की महत्ता को दर्शाती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए हार्दिक अभिनंदन देते हुए कहा कि यह कदम न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी भारत की गौरवशाली संस्कृति से जोड़ने का प्रेरणास्रोत बनेगा। UNESCO की यह मान्यता भारत की सांस्कृतिक संपदा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण और मान्यता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना की।

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