वासुदेव देवनानी ने कंवरलाल मीणा को विधायकी से किया बर्खास्त
दो दिन पहले पुलिस को कर दिया था सरेंडर
भारतीय जनता पार्टी के अंता विधायक कंवरलाल मीणा को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायकी से बर्खास्त कर दिया है
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के अंता विधायक कंवरलाल मीणा को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायकी से बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार देवनानी ने सरकार के महाधिवक्ता और विधानसभा के प्रमुख सचिव से सभी कानूनी पहलुओं पर चर्चा के बाद यह फैसला किया है। बर्खास्त करने के बाद अब अंता विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा की सीट खाली हो गई है। ऐसे में यहां उप चुनाव होना लगभग तय माना जा रहा है।
कंवरलाल मीणा को एक पुराने मामले में 3 साल की सजा 2018 में निश्चली अदालत ने सुनाई थी। उसके बाद कंवरलाल हाई कोर्ट चले गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने बीते दिनों उनकी सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन वहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के आदेश दिए थे। मीणा ने दो दिन पहले खुद को पुलिस को सरेंडर भी कर दिया था। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी लेकिन अभी तक उसे पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। इसी बीच देवनानी ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला कर दिया है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अंता से विधायक कंवरलाल को राजस्थान विधान सभा की सदस्यता से दोष सिद्धी की दिनांक से बर्खास्त कर दिया है। देवनानी ने बताया कि कंवरलाल दोषसिद्धी की दिनांक से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) सहपठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अन्तर्गत निरर्हित हो गए है। उन्होंने बताया कि इससे राजस्थान विधान सभा में एक स्थान अंता (193) जिला बारां रिक्त हो गया है।
बयान जारी कर देवनानी ने कहा कि आज शुक्रवार को प्रात: 10:30 बजे महाधिवक्ता की विधिक राय प्राप्त होते ही कंवरलाल की सदस्यता निरर्हित कर दी गई है। वे किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य नहीं करते है। उन्होंंने कहा कि वे किसी भी मामले में उससे सम्बंधित प्रत्येक पहलू का गहन अध्ययन करके ही विधि सम्मत और न्याय सम्मत ही निर्णय लेते है। इससे पहले भी विधान सभा से संबंधित अनेक विषयों पर विधान सभा के तत्कालीन अध्यक्षों ने बहुत अधिक समय लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के दिन ही राज्य के महाधिवक्ता को विधिक राय दिये जाने के लिये निर्दिष्ट कर दिया था। ऐसे मामलों में दोष सिद्धी की दिनांक से ही विधान सभा सदस्य, विधान सभा की सदस्यता से निरर्हित हो जाता है। विधान सभा क्षेत्र के रिक्ति होने की सूचना राजस्थान विधान सभा द्वारा जारी की जाती है।

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