सिंचाई और पेयजल के लिए बढ़ेगी जल उपलब्धता : गांधी सागर बांध से राणा प्रताप सागर बांध में आएगा लगभग 892 एमसीयूएम जल
राणा प्रताप सागर में ही गुंजाइश
चंबल नदी प्रणाली के तहत राजस्थान में राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज स्थित हैं।
जयपुर। मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध से रावतभाटा स्थित राणा प्रताप सागर बांध में लगभग 892 मिलियन घन मीटर (एमसीयूएम) जल आएगा। राजस्थान सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार की मांग पर उनकी पंप स्टोरेज परियोजना के निर्माण के लिए गांधी सागर बांध का जलस्तर घटाने के परिपेक्ष में निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से आगामी सप्ताह में ही गांधी सागर बांध से जल प्रवाह कार्य शुरू किए जाने की संभावना है। इस सम्बंध में प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश ने 29 मार्च 2025 को जल संसाधन विभाग राजस्थान को पत्र लिखा था। इसमें गांधी सागर बांध के जलस्तर को कम करने के लिए राजस्थान सरकार से अनुरोध किया गया था। 25 अप्रैल 2025 की स्थिति के गांधी सागर बांध का जलस्तर 395.003 मीटर है।
राणा प्रताप सागर में ही गुंजाइश
चंबल नदी प्रणाली के तहत राजस्थान में राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज स्थित हैं। तीनों ही जगह जल भंडारण की क्षमता सीमित है। वर्तमान में राणा प्रताप सागर बांध में 892 एमसीयूएम, जवाहर सागर बांध में 10.76 एमसीयूएम, कोटा बैराज में 3.60 एमसीयूएम तक ही जल संग्रहित किया जा सकता है। ऐसे में गांधी सागर बांध से राणा प्रताप सागर बांध में उपलब्ध शेष भराव 892 एमसीयूएम की सीमा तक ही जल प्रवाहित किया जा सकेगा।
ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत रहेगा उपयोगी
सरकार ने विश्लेषण एवं भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत अहम निर्णय लिया है। राणा प्रताप सागर बांध में संग्रहित जल आगामी गर्मियों में पेयजल, सिंचाई, औद्योगिक जरूरतों के लिए उपयोगी होगा। राणा प्रताप सागर बांध से विद्युत उत्पादन के लिए भी जल का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
यह निर्णय हमारी सरकार की दूरदर्शी नीति, जल आवश्यकताओं और परस्पर सहयोग की दृष्टि से लिया गया है। भविष्य में भी दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों के समुचित प्रबंधन और उपयोग के लिए समन्वय बना रहेगा।
सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री

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