राजस्थान में पानी का संकट : गर्मी की दस्तक से बढ़ा तापमान, प्यास बुझाने के लिए खर्च करने होंगे 400 करोड़

कई जिलों में भूजल स्तर में सुधार भी हुआ हैं

राजस्थान में पानी का संकट : गर्मी की दस्तक से बढ़ा तापमान, प्यास बुझाने के लिए खर्च करने होंगे 400 करोड़

केवल 11.54 बीसीएम पानी का पुनर्भरण किया गया। हालांकि 2024 में अच्छी बारिश के कारण कई जिलों में भूजल स्तर में सुधार भी हुआ हैं।

जयपुर। राजस्थान में पीने के पानी की समस्या हर साल गर्मी के साथ विकराल रूप लेती है, लेकिन इस बार गमीं जल्दी आ गई है, जिससे जल संकट और गहरा सकता है। दस हजार गांव-ढाणियों और 70 से अधिक शहरों में पानी की किल्लत के आसार है। जलदाय विभाग ने कंटीन्जेंसी प्लान के तहत पेयजल प्रभावित गांव-शहरों में आकस्मिक टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की है। करीब 400 करोड़ रुपए का इसके लिए फण्ड भी रिजर्व किया है। राज्य का क्षेत्रफल देश का 10.4 प्रतिशत होने के बावजूद सतही जल की उपलब्धता मात्र 1.16 प्रतिशत ही है। राज्य के 302 में से 203 ब्लॉक अत्यधिक दोहित, 23 विषम व 29 अर्द्ध विषम ब्लॉक है। हर साल गिरता भू-जल स्तर भी पेयजल समस्या को और अधिक बढ़ा रहा हैं। 2023 में राजस्थान में 16.74 बिलियन क्यूबिक मीटर भूजल निकाला गया, जबकि केवल 11.54 बीसीएम पानी का पुनर्भरण किया गया। हालांकि 2024 में अच्छी बारिश के कारण कई जिलों में भूजल स्तर में सुधार भी हुआ हैं।

पेयजल संकट से निपटने क्या तैयारियां
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जलदाय विभाग के अधिकारियों की ओर से पेयजल संकट वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है। इन प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही जिला और प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम भी स्थापित होगा ताकि पानी की समस्या की सूचना पर पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।

भविष्य के लिए ये जरूरी

  • जल संरक्षण के उपाय किए जाएं ताकि आने वाले समय में जल संकट को टाला जा सके।
  • सरकार और आम जनता को मिलकर जल बचाने के प्रयास करने होंगे, तभी इस संकट से निपटा जा सकता है।

60 फीसदी भूजल से आपूर्ति
पानी डिमांड की 60 फीसदी पूर्ति भूजल जल से हो रही है, शेष सतही जल परियोजनाओं से की जा रही हैं। प्रदेश में 85 शहर व कस्बें सतही जल स्रोत एवं 89 शहर भूगर्भीय जल स्रोत पर आधारित है। शेष 77 सतही एवं भूगर्भीय दोनों जल स्रोतों पर निर्भर हैं। सात प्रमुख शहर जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा एवं उदयपुर में सतही जल स्रोत से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।

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जलदाय एवं भू-जल मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से बातचीत
सवाल: क्या राजस्थान में गर्मियों के दौरान पानी की पर्याप्त व्यवस्था है?
जवाब: गर्मियों के लिए पीने का पानी हर संभव उपलब्ध कराया जाएगा।

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सवाल: कंटींजेंसी प्लान के तहत क्या व्यवस्था होगी?
जवाब: जिन गांव-शहरों में पानी की परेशानी होगी, वहां पर टैंकरों के जरिए पानी मुहैया करवाया जाएगा।

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सवाल: करोड़ोंं का हर साल बजट खर्च करने के बाद भी पेयजल संकट क्यों?
जवाब: पेयजल के लिए बड़ी योजनाएं बनी है, जिनका जनता को लाभ मिलेगा, इसमें समय लगता हैं।

सवाल: जेजेएम में स्कैम हुआ, अब क्या पटरी पर हैं?
जवाब: पिछली सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, अब हम पटरी पर ला रहे है।

सवाल: विभाग गर्मियों में पेयजल व्यवस्था के लिए मुस्तैद है?
जवाब: हां, मैं खुद सभी जिलों तक दौरा कर चुका हूं, अब गर्मियों में भी आकस्मिक दौरे करूंगा।

 

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