सड़कों पर आवारा कुत्तों को रोकने के लिए क्या कर रही सरकार : हाईकोर्ट
आवारा पशुओं से मुक्त करने को लेकर दिशा-निर्देश
वहीं न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि आए दिन समाचार पत्रों में आवारा कुत्तों के राहगीरों पर हमला करने की सूचना मिल रही हैं।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की सड़कों पर आवारा कुत्तों की ओर से आए दिन राहगीरों को काटने के मामले में स्वायत्त शासन विभाग सहित हेरिटेज व ग्रेटर निगम से पूछा है कि आवारा कुत्तों के रोड पर विचरण रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि बध्याकरण से घटनाओं में कमी नहीं आती है। सरकार बताए कि ऐसे कौन से सेंटर हैं, जहां आवारा कुत्तों को रखा जाता है। हम चाहते हैं कि आवारा कुत्तों का वेलफेयर भी हो जाए और राहगीरों को भी ऐसी घटनाओं से मुक्ति मिले।
वहीं न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि आए दिन समाचार पत्रों में आवारा कुत्तों के राहगीरों पर हमला करने की सूचना मिल रही हैं। शहर ऐसी घटनाओं की राजधानी बन गया है। साल 1997 में हाईकोर्ट ने सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन उनकी भी पालना नहीं की जा रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और निगम से जवाब पेश करने को कहा है।

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