विधायक कंवरलाल मीणा की सजा पर कानूनी पेंच फंसा कब से मानी जाए आखिर सजा, 2018 से सजा मानी गई तो बच जाएगी उनकी विधायकी
2018 में निचली अदालत में सुनाई थी सजा
भारतीय जनता पार्टी के अंत विधायक कंवरलाल मीणा को कोई सजा के बाद विधायक की जाने के मामले में कानूनी पेंच फस गया है
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के अंत विधायक कंवरलाल मीणा को कोई सजा के बाद विधायक की जाने के मामले में कानूनी पेंच फस गया है। जानकारी के अनुसार उन्हें निकलेअदालत से 2018 में सजा हुई थी। उसके बाद उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी हाल ही में हाई कोर्ट के द्वारा सजा से कोई राहत नहीं मिली और हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था। जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा है। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के तहत 2 साल से ज्यादा सजा होने पर विधायक की विधायकी जाने का प्रावधान है।
इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकार के महाधिवक्ता और विधानसभा के प्रमुख सचिव से कानूनी पक्ष को लेकर गहन मंत्रणा की है। क्योंकि उन्हें 2018 में निचली अदालत में सजा सुनाई थी, ऐसे में अगर 2018 से उनकी सजा को गिना जाएगा तो उनकी विधायकी बची रह जाएगी। वही सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम राहत नहीं देने की समाधि से सजा को गिना जाएगा तो विधायकी जाएगी । सूत्रों के अनुसार सरकार के महाधिवक्ता ने निचली अदालत के 2018 में हुई सजा से उनकी दंड अवधि काउंट करने की विधानसभा अध्यक्ष को राय दी है अगर ऐसा हुआ तो उनकी विदाई की बच जाएगी।
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