डीओआईटी के बेसमेंट में मिले 2.31 करोड़ रुपए किसने दिए, अभी भी रहस्य
इतनी बड़ी रकम और सोने की जांच में नहीं हुई इनकम टैक्स और कस्टम की एंट्री
एसीबी ने कई कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर पूछा कि रुपए उन्होंने दिए हैं तो उन कंपनी के प्रतिनिधियों ने वेदप्रकाश यादव को ही पहचानने से इनकार कर दिया।
जयपुर। योजना भवन स्थित डीओआईटी विभाग के बेसमेंट में रखी अलमारी में मिले दो करोड़ 31 लाख 49 हजार 500 रुपए की नकदी और एक किलो सोने के बिस्किट का मामला अभी भी कुछ बिन्दुओं पर रहस्य बना हुआ है। आखिरकार वेदप्रकाश यादव को 2.31 करोड़ रुपए किसने दिए थे? हालांकि यादव ने पुलिस पूछताछ में ये रुपए खुद के ही बताए थे, लेकिन उसके पास हर रोज रुपए कहां से आ रहे थे और कौन दे रहा था और किस काम के लिए दिए जा रहे थे, अभी भी ये सवाल बने हुए हैं। वहीं इस मामले की जांच में इनकम टैक्स और कस्टम विभाग की एंट्री नहीं हुई है। एसीबी टीम भी इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर दो बार वेदप्रकाश से पूछताछ कर चुकी है।
कई फर्म मालिक ने पहचानने से किया इनकार : डीओआईटी के ज्वॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव से जब एसीबी ने पूछताछ की तो उसने ये रुपए खुद के होना बताए, लेकिन उसने इन रुपयों का स्रोत नहीं बताया। एसीबी ने कई कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर पूछा कि रुपए उन्होंने दिए हैं तो उन कंपनी के प्रतिनिधियों ने वेदप्रकाश यादव को ही पहचानने से इनकार कर दिया। ऐसे में रुपए कहां से आए यह सवाल ही है।
अलमारी में लगे मिले थे जाले : पुलिस ने सूचना पर बीती 19 मई को बेसमेंट में रखी अलमारी को खंगाला तो उसने अंदर की तरफ भी जाले लगे हुए थे। यह अलमारी भी किसी को अलॉट नहीं की गई थी। पुलिस की प्रथम पूछताछ में सामने आया कि एक बार तो यादव रुपयों से भरे सूटकेस को लिफ्ट से लेकर अलमारी तक पहुंचा था तो पुलिस ने चंद घंटों में ही अलमारी और रुपयों के मालिक वेदप्रकाश का खुलासा कर दिया था।
अलमारी में मिले रुपए वेदप्रकाश ने खुद के बताए हैं। अन्य जांच एजेंसी को एसीबी की तरफ से पत्र नहीं लिखा गया है और ना ही किसी एजेंसी ने संपर्क किया है।
ललित शर्मा, एडिशनल एसपी एसीबी
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