महिलाओं ने जोड़े हाथ : हमें सरहद पार मत भेजो, यहीं मार दो
अपने व्यापार को औने-पौने दामों में बेच कर भारत आकर बसे थे
ये लोग बताते हैं कि सरहद पार के जुल्मों से परेशान होकर वह अपनी अपने घर, अपने खेत खलिहान और अपने व्यापार को औने-पौने दामों में बेच कर भारत आकर बसे थे।
बाड़मेर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर के दर्जनों पाकिस्तानी परिवारों के लिए भारत छोड़ने का फरमान मौत का सबब बना हुआ है। जिला मुख्यालय के सीबी सीआईडी कार्यालय के आगे इन लोगों की कतारें हर किसी का दिल चीर रही है। अपनी भूमि, अपने घर, अपने खेत खलिहान और अपने व्यापार को औने-पौने दामों में बेच कर सरहद के उस पार से इस पार सुकून के लिए आकर बसे दर्जनों परिवारों के आंखों की नींद उड़ी हुई है।
पहलगांव में हुए आतंकवादी हमले के बाद आए केंद्र सरकार के एक फरमान के बाद इन लोगों को फिर सरहद के उस पार भेजा जा रहा है। यह लोग हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि अगर हमें मारना है, तो यही मार दो वापस पाकिस्तान मत भेजो। ये लोग बताते हैं कि सरहद पार के जुल्मों से परेशान होकर वह अपनी अपने घर, अपने खेत खलिहान और अपने व्यापार को औने-पौने दामों में बेच कर भारत आकर बसे थे।
हिन्दू परिवार नहीं जाना चाहते पाकिस्तान
बाड़मेर रह रहे पाकिस्तानी हिन्दू परिवार पाकिस्तान नहीं जाना चाहते है। शनिवार को कई परिवार के लोग कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थित सीआईडी सीबी कार्यालय में पाकिस्तानी नागरिक पहुंचे और उन्होंने कहा कि हम वापस पाकिस्तान नहीं जाएंगे।
हमें छोड़ा नहीं जाएगा
अब उन्हें वहीं पाकिस्तान वापिस भेजा जा रहा जो कि किसी मौत के फरमान से कम नहीं है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद दर्जनों परिवार वापस पाक जाने को मजबूर हैं, लेकिन उनका कहना है कि पाकिस्तान में उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस हमले के बाद पाकिस्तान और अधिक हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा है। पाक विस्थापित संघ बाड़मेर जिलाध्यक्ष नरपतसिंह धारा के मुताबिक एक साथ 9 परिवारों को पाकिस्तान रवाना होना पड़ रहा है। वह बताते हैं कि पाकिस्तान में उनकी भी रिश्तेदारियां हैं लेकिन अब हिन्दू परिवारों को वापिस पाकिस्तान भेजा जा रहा है जिससे सभी लोग आहत है. वह बताते हैं कि पहले ही हिंदू परिवार पाकिस्तान के जुल्मों से तंग आकर हिंदुस्तान बसे थे, लेकिन अब फिर वापस जाने पर मजबूर हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।

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