युवा चेहरों ने बढ़ाई भाजपा-कांग्रेस की परेशनी, निर्दलीय प्रत्याशी भी दे रहे चुनौती
युवा चेहरों की वजह से चुनाव चर्चाओं में हैं
दूसरे फेज की 13 सीटों में शामिल डूंगरपुर-बांसवाड़ा और बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर युवा चेहरों की वजह से चुनाव चर्चाओं में हैं।
जयपुर। लोकसभा चुनाव में इस बार राजस्थान की करीब आधा दर्जन सीटों पर युवा चेहरों ने मुकाबला रोचक बना दिया है। तीन सीटों पर नए चेहरों ने भाजपा और कांग्रेस दलों को परेशाानी बढ़ा दी है। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने दोनों प्रत्याशियों की चुनौती दी है तो दूसरी सीट पर कांग्रेस की एक युवा महिला प्रत्याशी ने भाजपा को चुनौती दे दी है। सभी लोकसभा सीटों का आंकलन करें तो जैसलमेर-बाड़मेर, भरतपुर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा और अलवर जैसी सीटों पर युवा चेहरों के चुनाव का रोचक नजारा बना हुआ है। राजस्थान में पहले चरण में 19 को जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में वोट डाले जाएंगे। पहले फेज की सीटों में अलवर और भरतपुर सीट पर युवा चेहरों ने चुनाव को रोचक बना दिया है। दूसरे फेज की 13 सीटों में शामिल डूंगरपुर-बांसवाड़ा और बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर युवा चेहरों की वजह से चुनाव चर्चाओं में हैं।
जैसलमेर-बाड़मेर
सबसे चर्चित इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल को चुनौती दे रखी है। भाटी के प्रचार में अच्छी खासी भीड़ जुटने से दोनों पार्टियों के रणनीतिकार चिंतित नजर आ रहे हैं। त्रिकोणीय मुकाबले वाली इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी की वजह से बदलते समीकरणों के चलते भाजपा और कांग्रेस के रणनीतिकारों को जीत के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर होना पड़ा है।
डूंगरपुर-बांसवाड़ा
इस लोकसभा सीट पर बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत ने मुकाबला रोचक बना दिया है। रोत इस सीट पर विशेष चर्चा में बने हुए हैं, क्योंकि चौरासी विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक रोत की आदिवासी क्षेत्र में पकड़ के चलते कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दे दिया है। लिहाजा रोत और भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत मालविया में सीधा मुकाबला नजर आ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर ने पर्चा वापस नहीं लेकर मैदान में डटे रहने का फैसला लिया, लेकिन पार्टी रोत के साथ जाने से कांग्रेस को ज्यादा नुकसान नहीं लग रहा है।
भरतपुर लोकसभा सीट
इस सीट पर भाजपा दो बार से जीत रही है। कांग्रेस ने इस बार 25 वर्षीय संजना जाटव को मैदान में उतारा है। संजना विधानसभा चुनाव में कठूमर सीट से महज 409 वोटों से चुनाव हार गई थीं। कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट भी जाटव को जिताने के लिए पूरा सहयोग कर रहे हैं। युवा चेहरा और निर्विवाद छवि के चलते संजना जाटव ने भाजपा प्रत्याशी और रणनीतिकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
अलवर लोकसभा सीट
इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव ने भाजपा के दिग्गज नेता और प्रत्याशी भूपेंद्र यादव को कड़ी चुनौती दे रखी है। इस सीट पर भाजपा दो बार से लगातार चुनाव जीत रही है। इस बार दिग्गज नेता भूपेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। वहीं ललित यादव के युवा चेहरे होने और स्थानीय होने के मुद्दे से कांग्रेस खुद को मजबूत मानकर चल रही है। अलवर सीट में पांच विधायक कांग्रेस के होने का लाभ भी कांग्रेस को अपने पाले में नजर आ रहा है।
जयपुर ग्रामीण
इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल चोपड़ा को युवा चेहरे के रूप में मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता राव राजेंद्र सिंह से है। जाट बनाम राजपूत लड़ाई वाली इस सीट पर दो चुनाव से परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे हैं। इस बार युवा चेहरे को भी काफी समर्थन मिलने लगा। कांग्रेस के युवा शाहपुरा विधायक मनीष यादव, आमेर विधायक प्रशांत शर्मा, फुलेरा विधायक विद्याधर चौधरी के साथ कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट का सहयोग भी मिलने से इस सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है।
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