बामन देवरिया स्कूल भवन जर्जर: कैसे होगी बच्चों की पढ़ाई?
कक्षा कक्ष के अभाव में छात्र छात्राएं खुले आसमान के नीचे तो कभी पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर
तत्कालीन ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को भवन में नहीं बिठाने के आदेश भी जारी किए थे।
चौमहला। चौमहला ग्राम पंचायत किटिया के गांव बामन देवरिया में उच्च प्राथमिक विद्यालय गत सात सालों से बिना कक्षा कक्षों के संचालित हो रहा है। कक्षा कक्ष के अभाव में छात्र छात्राएं खुले आसमान के नीचे कभी धूप में तो कभी पेड़ की छांव के नीचे पढ़ने को मजबूर है। डग ब्लॉक का यह एक मात्र स्कूल है जहां छात्रों के बैठने के लिए कमरे नहीं है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बामन देवरिया में कक्षा एक से आठ तक 172 छात्र छात्रा अध्ययनरत है, कमरों के अभाव में सभी छात्र छात्रा सर्दियों में धूप में ,गर्मियों में पेड़ के नीचे बैठते है,पास ही एक मंदिर है जिसमे एक कक्षा संचालित हो रही है यदि मंदिर में कोई कार्यक्रम होता है उस दिन कक्षा यहां नही लगती,बरसात के दिनों में आए दिन बच्चों की छूट्टी रहती है।विद्यालय में पुराना भवन बना हुआ है जो काफी जर्जर हो है। जगह जगह दीवारों में दरारे पड़ रही है। छतों का प्लास्टर उखड़ चुका है, दरवाजे खिड़कियां खराब हो चुके है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सन 2017 में इस भवन को नकारा घोषित कर दिया था,तत्कालीन ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को भवन में नहीं बिठाने के आदेश भी जारी किए थे। तब से अब तक नया भवन नहीं बना, विद्यालय द्वारा तथा ग्रामीणों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों जन प्रतिनिधियों को अवगत कराया लेकिन किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया। विद्यालय में एक मात्र प्रधानाध्यापक का कक्ष है वह भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है उसी में विद्यालय के सभी आवश्यक दस्तावेज रखे हुए है। तत्कालीन ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को भवन में नहीं बिठाने के आदेश भी जारी किए थे।
विद्यालय भवन के लिए पर्याप्त जगह
विद्यालय भवन के स्कूल की स्वयं की पर्याप्त भूमि व खेल मैदान है यहां चार दिवारी भी बनी हुई है, विद्यालय के लिए 8 कमरों,एक प्रधानाध्यापक तथा किचन शेड की आवश्यकता है।
चार गांवों के पढ़ते है छात्र
इस विद्यालय में बामनदेवरिया ,चांदखेड़ी, राजपुरिया,कंजर डेरा चार गांवों के 172 छात्र-छात्रा अध्ययन करते है,विद्यालय में प्रतिदिन छात्र छात्राओं की उपस्थिति भी अच्छी रहती है। पूर्व प्रधानाध्यापक सुनील कुमार चौधरी ने बताया गत सात सालों से लगातार विभाग को भवन के लिए अवगत कराया गया। विद्यालय के ऊपर से 11 केवी हाई वाल्टेज की विद्युत लाइन गुजर रही है जिसको अन्य जगह शिफ्ट करने के भी कई बार लिखा गया लेकिन विद्यत लाइन को नहीं हटाया गया, वर्ष 2021 में लाइन का तार टूटने से एक महिला की मौत भी हो चुकी है।
वर्ष 2017 में भवन को किया था नकारा साबित
9 अगस्त 2017 को प्रधानाध्यापक ने उपखंड अधिकारी को पत्र लिखकर भवन की उपयोगिता व मरम्मत के लिए पत्र लिखा था जिस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा भवन की जांच कर अगस्त 2017 में अवगत कराया था की भवन उपयोग की दृष्टि से असुरक्षित है, सात साल गुजर जाने के बाद भी प्रशासन शिक्षा विभाग अभी तक नहीं जागा।
विद्यालय द्वारा लगातार विभाग व जन प्रतिनिधियों को भवन के अवगत कराया जा रहा है, कमरों के अभाव में बच्चों को पेड़ की छाया ,धूप में बिठाया जा रहा है,बना हुआ भवन काफी क्षतिग्रस्त है जो उपयोग में लेने योग्य नहीं है।
- रवि मीणा, प्रधानाध्यापक
विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में कई बार भवन के प्रस्ताव लेकर उच्च अधिकारियों को भेजे गए लेकिन कोई अमल नहीं हुआ।
- किशन सिंह, अध्यक्ष विद्यालय प्रबंधन समिति
सात साल से बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे है कई बार उच्च अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
- कुशाल सिंह ग्रामीण
सन 2017 ने पीडब्ल्यूडी ने भवन को अयोग्य घोषित कर दिया था उसके बाद भी नया भवन नहीं बना हमारे बच्चे खुले में पढ़ाई करने को मजबूर है सरकार को शीघ्र नया भवन बनाना चाहिए।
- रामलाल ग्रामीण
विद्यालय द्वारा नए भवन का प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
- रमेश चंद्र वर्मा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डग

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