भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को कोर्ट ने सुनाई 3 साल की सजा, ट्रायल कोर्ट में जाकर कर दिया था आत्मसमर्पण
बीस साल पुराने मामले में सजा बरकरार, विधायकी पर लटकी तलवार
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कंवरलाल मीणा की आपराधिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मनोहरथाना। राजस्थान के बारां जिले में अंता से भाजपा के विधायक कंवरलाल मीणा ने बुधवार सुबह ट्रायल कोर्ट में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया है। बता दें कि उन्हें 20 साल पुराने एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी।
पहले राहत, फिर सजा
इस मामले में 2 अप्रैल 2018 को मनोहरथाना एसीजेएम कोर्ट ने कंवरलाल को दोषमुक्त कर दिया था। किन्तु अपीलेंट कोर्ट अकलेरा ने इस फैसले को पलटते हुए 14 दिसंबर 2020 को उन्हें तीन साल की सजा सुनाई। विधायक ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की,लेकिन कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं मिली राहत
7 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने भी कंवरलाल मीणा की विशेष अनुमति याचिका (एस एल पी) खारिज कर दी। कोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने 9 मई को गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था।
20 साल पुराना मामला
घटना 3 फरवरी 2005 की है। जब झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र में खाताखेड़ी गांव के उपसरपंच चुनाव थे, जिसको लेकर ग्रामीणों ने दांगीपुरा-राजगढ़ मोड़ पर रास्ता जाम कर दिया था। सूचना मिलने पर तत्कालीन एसडीएम रामनिवास मेहता, प्रोबेशनर आईएएस डॉ. प्रीतम बी. यशवंत और तहसीलदार रामकुमार मौके पर पहुंचे जहां प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया।करीब आधे घंटे बाद विधायक कंवरलाल मीणा अपने कुछ समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने एसडीएम मेहता की कनपटी पर पिस्तौल तानकर धमकी देते हुए कहा कि अगर दोबारा वोटों की गिनती की घोषणा नहीं की गई तो जान से मार देंगे। इसके बाद विधायक मीणा ने विभागीय फोटोग्राफर की कैसेट निकाली उसे तोड़ कर जला दी। साथ ही उन्होंने डॉक्टर प्रीतम का डिजिटल कैमरा भी छीन लिया। करीब 20 मिनट बाद वापस डॉक्टर को लौटा दिया गया।
आपराधिक पृष्ठभूमि पर टिप्पणी
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कंवरलाल मीणा की आपराधिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके खिलाफ पहले से 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं, भले ही उनमें से अधिकतर में वे बरी हो चुके हों। अदालत ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि से कानून का पालन करने की अपेक्षा होती है।
विधायकी पर संकट, दया याचिका की चर्चा
विधायक की विधायकी को लेकर सियासी गलीयारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। इसी बीच राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की है। इससे यह माना जा रहा है कि यह मुलाकात विधायक कंवरलाल मीणा के मामले से जुड़ी दया याचिका या कानूनी विकल्पों पर विचार को लेकर हुई है। हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टी नहीं की गई है।
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