आवारा श्वानों का आतंक, 8 महीने में 837 जख्मी
एक वर्ष में 1450 लोग बने आवारा कुत्तों का शिकार
आवारा कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसकी वजह उनके द्वारा एक बार में अधिक बच्चे दिए जाना है।
झालावाड़। झालावाड़ शहर इन दिनों आवारा कुत्तों के आतंक से ग्रसित है, शहर में प्रतिदिन 3 से ज्यादा लोगों को कुत्ते काट रहे हैं, सरकारी आंकड़ों की यदि बात करें तो पिछले एक वर्ष में कुल 1450 लोगों को कुत्तों ने काटा जबकि पिछले 8 महीना में 837 लोगों को यह आवारा कुत्ते काट चुके हैं। शहर के गली मोहल्लों और चौराहों पर इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इन आवारा कुत्तों के चलते कई बार वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुके हैं। लेकिन विडंबना देखिए कि शहर को इन आवारा कुत्तों से मुक्त कराने के लिए जिम्मेदार झालावाड़ नगर परिषद के अधिकारी एवं प्रतिनिधि चैन की नींद सो रहे हैं। झालावाड़ जिले में यूं तो ग्रामीण इलाकों में भी कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है,लेकिन इन पर नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से अब यह बच्चों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे है। शहर की सड़कों और चौराहों पर धमाल मचाते रहने वाले आवारा कुत्तों का किसी भी प्रकार से मानव जीवन मे कोई खास उपयोग नही है। जबकि घरों में पाले जाने वाले कुत्तों को लेकर तो मालिक पर कुछ हद तक जिम्मेदारी निर्धारित है।
लाइलाज है रैबीज
झालावाड़ अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्मेंट के डॉ.आसिफ अहमद कुरेशी के बताया कि रेबीज वायरस जनित रोग है, यह कुत्ता, बिल्ली ,बंदर समेत अन्य जानवरों से फैलता है, अगर कोई कुत्ता संक्रमित हो जाता है तो वह संक्रमण उसकी नसों तक फेल जाता है फिर वह जितने भी कुत्तों को या अन्य लोगों को अपना शिकार बनाता है, उतनी ही यह बीमारी फैलती जाती है। डॉक्टर बताते हैं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, नसों तक अगर इसका संक्रमण पहुंच जाता है तो इसका कोई इलाज नहीं है,लेकिन कुत्ते के काटने के बाद ठीक समय पर सही टीका लगाया जाए तो बीमारी का खतरा खत्म हो जाता है।
लगातार बढ़ रही है संख्या
आवारा कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसकी वजह उनके द्वारा एक बार में अधिक बच्चे दिए जाना है। पशु पालन विभाग के डॉक्टरों के अनुसार सर्दी के मौसम में इनका प्रजनन काल रहता है, ऐसे में इस सीजन में इनकी संख्या लगातार बढ़ती रहती है। बच्चों की संख्या भी कोई निर्धारित नही है। एक बार में गर्भवती कुतिया 5 से 6 बच्चों को जन्म देती है।
अभियान चलेगा
झालावाड़ जिला कलेक्टर ने माना कि यह समस्या वाकई गंभीर है उन्होंने कहा कि नगर परिषद को उसके लिए अभियान चलाना होता है लेकिन फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, इसलिए नगर परिषद को निर्देशित कर तुरंत अभियान चलाया जाएगा ताकि शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित किया जा सके और लोगों को इनसे होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके।
डॉग बाइट के मामले में सबसे पहले सही इलाज दिया जाना जरूरी है, कुत्ते के काटने से बने घाव को देखकर अलग-अलग उपचार दिया जाता है, जिसमें टीके भी शामिल हैं। यदि ठीक इलाज मिल जाए तो रेबीज का खतरा कम हो जाता है, रेबीज एक लाइलाज बीमारी है, इसलिए ध्यान देना जरूरी है।
- डॉक्टर आसिफ कुरेशी, प्रभारी कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज
आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं, इनकी आबादी के नियंत्रण के लिए स्थानीय निकायों एवं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से नसबंदी की जाती है। नगर परिषद द्वारा उनकी नसबंदी के लिए अभियान चलाया जाता है, यदि नगर परिषद अभियान चलाएगा तो पशु चिकित्सालय में निशुल्क नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है।
- डॉक्टर टी आर बंसोड़, पशु चिकित्सक, झालावाड़
शहर में डॉग बाइट के मामले ज्यादा आ रहे हैं तो उनको रोकने के लिए आवारा कुत्तों के समुचित प्रबंधन के लिए नगर परिषद को निर्देश देकर अभियान चलाया जाएगा, ताकि आमजन को परेशानी ना हो।
- अजय सिंह राठौड़, जिला कलेक्टर, झालावाड़
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