राजस्थान के झुंझुनू जिले में विधवा के हक मारने का मामला आया सामने: विधवा को मृत बताकर पेंशन कर दी बंद
विधवा महिला स्वयं को जिंदा साबित करने के लिये सरकारी कार्यालयों में कई दिनो से चक्कर काट रही है।
मगर अभी तक उसको पेंशन मिलना शुरू नहीं हो पाया है।
झुंझुनू। राजस्थान के झुंझुनू जिले से हम आपकों एक ऐसे मामले से रूबरू करना जा रहे है। जिस पर शायद किसी को विश्वास ना हो, लेकिन ये सच है। दरअसल झुंझुनूं जिले में एक विधवा महिला को मृत बताकर उसको सरकार से मिलने वाली विधवा पेशन बंद कर दी गयी है। विधवा महिला स्वयं को जिंदा साबित करने के लिये सरकारी कार्यालयों में कई दिनो से चक्कर काट रही है। मगर अभी तक उसको पेंशन मिलना शुरू नहीं हो पाया है। जिले के बगड़ कस्बे के वार्ड 12 की रहने वाली विधवा महिला अंगूरी देवी खटीक ने बताया कि जून 2021 के बाद उसको मिलने वाली पेंशन बंद हो गई। वह सबसे पहले नगर पालिका बगड़ में गई। जहां उसे बताया कि आपको हमारे रेकॉर्ड में मृत दिखा रखा है। इसलिए पेंशन बंद हो गयी है। इसके बाद उसने कई बार नगर पालिका के चक्कर लगाए। सम्पर्क पोर्टल पर भी शिकायत की। ई मित्र पर जाकर भी समस्या के समाधान के लिए शिकायत कार्रवाई करवायी। तब जाकर बगड़ नगर पालिका वालों ने कहा कि हमने हमारा रेकॉर्ड सही कर दिया। अब आगे की कार्रवाई झुंझुनू एसडीएम करेंगे।
हालांकि इतने से पीड़िता का काम बनता नजर नहीं आया। अनारी देवी ने बताया कि वह तीन बार एसडीएम के दफ्तर आकर अपनी पीड़ा बता चुकी है। लेकिन यहां कार्रवाई करना तो दूर की बात सही तरीके से उसकी पीड़ा सुनी भी नहीं जा रही है। सभी तरफ से परेशान होकर अंगूरी देवी एसडीएम साहब से कहती है कि मैं मरी नहीं हूं...। जिंदा हूं। आपके सामने खड़ी हूं। तीन बार आपको अपनी पीड़ा बता चुकी। मैं बहुत गरीब हूं। मेरे पति की पहले ही मौत हो चुकी। मजदूरी कर तीन बेटियों को पाल रही हूं। नौ माह हो गए अब तो चक्कर मत लगवाओ। जून 2021 के बाद से पेंशन नहीं मिली। अब तो पेंशन शुरू करवा दो।
इस बाबत झुंझुनू के उपखण्ड अधिकार शैलेष खैरवा का कहना है कि उक्त महिला तीन बार नहीं पहली बार ही मेरे पास आई है। उसे मृत दिखा दिया गया था। अब जल्द ही उसकी पेंशन शुरू करवा दी जाएगी।
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