स्वायत्त शासन सचिव और अति. मुख्य सचिव वित्त पर 50-50 हजार का जुर्माना
हाईकोर्ट ने झीलों का सर्वेक्षण नहीं करने पर लगाया जुर्माना
हालांकि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिलेवार सर्वेक्षण जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि जिलेवार अन्य कौन सी झीलें हैं जिन्हें 2015 के अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किया जाना जरूरी है।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में जिलेवार झीलों का सर्वेक्षण समय पर पूरा नही करने एवं आवश्यक बजट जारी नही होने पर गंभीरता दिखाते राज्य सरकार के दो अधिकारियों पर पचास पचास हजार रुपए का जुर्माना लगा दो सप्ताह में राशि जमा करवाने का आदेश दिया है। वरिष्ठ न्यायाधीश एस चन्द्रशेखर व न्यायाधीश चन्द्रशेखर शर्मा की खंडपीठ ने स्वप्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गंभीरता दिखाई। कोर्ट ने कहा, यह जनहित याचिका वर्ष 2016 से लंबित है। पूर्व में इस हाईकोर्ट की ओर से कई निर्देश जारी किए थे मगर राज्य अधिकारियों ने हाईकोर्ट की ओर से उठाए मुद्दों को हल करने के लिए कोई इमानदार प्रयास नहीं किया, सिवाय आधे.अधूरे हलफनामे दाखिल करने के। हाईकोर्ट ने 18 नवंबर 2024 को राज्य के प्रतिवादियों को सभी जिलों में सर्वेक्षण पूरा करने के लिए तीन महीने का समय दिया था और उस उद्देश्य के लिए राज्य की ओर से चरणबद्ध तरीके से आवश्यक धनराशि जारी करने की आवश्यकता थी।
राजस्थान झील संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण अधिनियमए 2015 के प्रावधानों की भावना में झीलों की पहचान और विकास के संबंध में मौजूदा मामलों की स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया था। रिपोर्ट और रिकॉर्ड पर रखी गई अन्य सामग्रियों के अनुसार यह पाया कि राज्य में अब तक लगभग 9 झीलें अधिसूचित हैं। हालांकि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिलेवार सर्वेक्षण जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि जिलेवार अन्य कौन सी झीलें हैं जिन्हें 2015 के अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किया जाना जरूरी है।
यह तभी संभव है जब सभी जिलों में झीलों की पहचान हो जाए। बावजूद कि प्रतिवादियों द्वारा अनुपालन हलफनामा दायर नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने स्वशासन विभाग के सचिव और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व सह.वित्त सचिव पर 50हजार रुपए प्रत्येक का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा, दो सप्ताह में रजिस्ट्रार प्रशासन के पास जुर्माने की राशि जमा करवाई जाए जो कि राजकीय अंध विद्यालय माता का थान जोधपुर और राजकीय अंध विद्यालय जयपुर को दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 23 मई को मुकरर्र की गई है।

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