राजस्थान के इतिहास में पहली बार जोधपुर जेल में बंदियों ने खेला डांडिया, कुर्सी रेस में लिया हिस्सा

जोधपुर जेल में बंदियों ने खेला डांडिया, कुर्सी रेस में लिया हिस्सा

राजस्थान के इतिहास में पहली बार जोधपुर जेल में बंदियों ने खेला डांडिया, कुर्सी रेस में लिया हिस्सा

राजस्थान के जेल इतिहास में प्रथम बार केन्द्रीय कारागृह जोधपुर में इस नवरात्रि में डांडिया गरबा का आयोजन किया गया। कारागृह में यह गरबा डांडिया उत्सव नवरात्रि में 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक तीन दिवस आयोजित किया गया।

जोधपुर। राजस्थान के जेल इतिहास में प्रथम बार केन्द्रीय कारागृह जोधपुर में इस नवरात्रि में डांडिया गरबा का आयोजन किया गया। कारागृह में यह गरबा डांडिया उत्सव नवरात्रि में 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक तीन दिवस आयोजित किया गया। गरबा के लिए बंदियों को प्रशिक्षण दिया जाकर अभ्यास करवाया गया। उसके बाद गरबा का शानदार आयोजन किया गया। जेल में गरबा के लिए पंडाल सजाया गया एवं सजावट की गई।

जेल अधीक्षक राजपाल सिंह द्वारा मां दुर्गा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर गरबा का शुभारंभ किया गया। बंदियों में समाज के प्रति दायित्व बोध जागृत करने के लिए प्रेरित किया गया। पंडाल के अंदर बंदियों के द्वारा कई प्रकार के डांडिया गरबा किए गए। जिसमें प्रमुख रूप से तीन ताली गरबा, डांडिया गरबा, रास गरबा, हींच गरबा आदि प्रमुख रूप से थे। माता के भजनों एवं अन्य गानों पर गरबा प्रस्तुत किए गए। बंदियों के लिए गरबा एक नया मनोरंजन कार्यक्रम था बंदियों ने गरबा डांडिया डांस को बेहद पसंद किया एवं खुशी से झूम उठे। इस अवसर पर बंदियों ने हनुमान, श्रीराम एवं रावण का अभिनय भी प्रस्तुत किया।

बंदियों के लिए अन्य प्रतियोगिताएं भी रखी
जेल अधीक्षक राजपाल के अनुसार बंदियों के बीच नींबू, चम्मच दौड़ एवं म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विजेता रहे बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया गया। जेल में पुरस्कार पाकर बंदियों ने विशेष खुशी जाहिर की एवं जेल व्यवस्थाओं से बेहद खुश नजर आए।

सुधारात्मक गतिविधियों को मिलता बढ़ावा
बंदियों में सुधारात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं समाज के प्रति दायित्व बोध उत्पन्न करने के लिए पिछले काफी समय से बंदियों के लिए जेल में हर त्योहार पर अन्य विशेष अवसरों पर विशेष प्रकार से कार्यक्रमों का आयोजन कर संबंधित जीवंत दृश्य को बंदियों से ही अभिनित करवा कर प्रस्तुत किया जाता है। इससे बंदियों में जेल प्रशासन के प्रति समाज के प्रति दायित्व बोध उत्पन्न हो रहा है तथा बंदियो में सुधार आ रहा है। मंच संचालन जेलर महेश शर्मा ने किया। इस अवसर पर जेल उपाधीक्षक सौरभ स्वामी, जेलर हड़वंत सिंह, कविता विश्नोई, तुलसीराम, अचलाराम, मनोहरसिंह और अन्य स्टाफ शामिल रहा।

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