बच्चों को इलाज में मिलेगी राहत : प्रदेशभर में खुलेंगे डायबिटिक मधुहारी क्लिनिक, जेके लोन की कैंसर इकाई आरयूएचएस में होगी शिफ्ट
कैंसर पीड़ित बच्चों को मिल सकेगी अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं
अब चिकित्सा विभाग प्रदेशभर के उपजिला स्तर तक के अस्पतालों में इसे चरणबद्ध रूप से खोलने की कार्य योजना बना रहा है।
जयपुर। राजस्थान में बच्चों के डायबिटीज और कैंसर से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सा विभाग प्रदेशभर में डायबिटिक मधुहारी क्लिनिक खोलने जा रहा है। प्रदेश में कैंसर से जूझ रहे बच्चों के इलाज के लिए जयपुर के जेके लोन अस्पताल की ओन्कोलॉजी यूनिट को अब प्रताप नगर के आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। जानकारी के अनुसार प्रदेश में डायबिटीज से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जिला अस्पतालों में मधुहारी क्लिनिक खोले थे। इसके तहत बारह जिलों के अस्पताल में मधुहारी क्लिनिक खोले जा चुके हैं। इन क्लिनिक में बच्चों को ग्लूकोमीटर, इंसूलिन और ग्लूको स्ट्रिप सहित अन्य दवाइयां नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को प्राइवेट इलाज लेने पर अब तक करीब दस हजार रुपए प्रतिमाह खर्च करने पड़ रहे हैं। ऐसे में इन क्लिनिक से प्रदेशभर में इसे पीड़ित बच्चों को नि:शुल्क इलाज मिल सकेगा।
100 बैड्स की अलग से ओन्कोलॉजी की यूनिट
जेके लोन अस्पताल में वर्तमान में 100 बैड्स की अलग से ओन्कोलॉजी की यूनिट हैं, लेकिन डॉक्टर केवल तीन ही हैं। इन्हें आरयूएचएस में इलाज की आई आधुनिक मशीनों से इलाज और मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर के इलाज में सुविधा मिल सकेगी। जेके लोन अस्पताल के तीनों ओन्कोलॉजी के शिशु रोग विशेषज्ञों को भी यहां शिफ्ट किया जाएगा। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि इसका प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है, जल्द इसे मंजूरी दी जाएगी। जानकारी के अनुसार पूर्व में भी मेडिकल शिक्षा विभाग की ओर से जेके लोन अस्पताल की ओन्कोलॉजी की यूनिट को आरयूएचएस में शिफ्ट करने को लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन इसे यहां से शिफ्ट नहीं किया जा सका था, लेकिन इस बार विभाग ने इसको शिफ्ट करने का मानस बना लिया है।
अस्पताल में मरीजों का दबाव भी घटेगा
वर्तमान में जेके लोन अस्पताल में करीब 850 बैड्स हैं। ओपीडी में रोजाना 1 हजार से अधिक बच्चे इलाज को आते हैं, जिनमें से करीब 100 बच्चों को भर्ती करना पड़ता है। ओन्कोलॉजी की यूनिट आरयूएचएस में शिफ्ट होने से अन्य बीमारियों से ग्रसित बच्चों के लिए 100 अतिरिक्त बैड्स भी उपलब्ध हो सकेंगे। बीमार बच्चों के इलाज में यहां राहत होगी, वहीं दूसरी ओर कैंसर से पीड़ित मरीजों को आरयूएचएस में लीनियर मशीन सहित सीनियर प्रोफेसर से इलाज से राहत मिलेगी।
अभी यहां खुले हैं मधुहारी क्लिनिक
चौंमू, शाहपुरा, चाकसू, सांभर के उपजिला अस्पताल, नागौर जिला अस्पताल, डीडवाना उपजिला अस्पताल, जायल उपजिला अस्पताल, जोधपुर के जिला अस्पताल, औंसियां उप जिला अस्पताल, पावटा के सैटेलाइट अस्पताल, उदयपुर के मावली उपजिला अस्पताल, भिंडर के उपजिला अस्पताल में मधुहारी क्लिनिक खुले हुए हैं। अब चिकित्सा विभाग प्रदेशभर के उपजिला स्तर तक के अस्पतालों में इसे चरणबद्ध रूप से खोलने की कार्य योजना बना रहा है।
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