परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए होगी भूमि अवाप्त : 129.6337 हेक्टेयर निजी भूमि और 66.5864 हेक्टेयर सरकारी भूमि शामिल, सिंचाई के बेहतर साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया कदम
सामाजिक प्रभाव अध्ययन होगा
परवन वृहद सिंचाई परियोजना की दांयी मुख्य नहर के निर्माण के लिए शेष भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जयपुर। परवन वृहद सिंचाई परियोजना की दांयी मुख्य नहर के निर्माण के लिए शेष भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस योजना के तहत कुल 196.2201 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव है, जिसमें 129.6337 हेक्टेयर निजी भूमि और 66.5864 हेक्टेयर सरकारी भूमि शामिल है। भूमि अधिग्रहण का कारण परियोजना के तहत नहर निर्माण के लिए ग्रामों की अवाप्त भूमि में कुछ खसरे छूट गए थे, जिनका अधिग्रहण आवश्यक है। यह कदम किसानों को सिंचाई के बेहतर साधन उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
सामाजिक प्रभाव अध्ययन होगा :
अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान, भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 और राजस्थान भूमि अर्जन नियम, 2016 के तहत सामाजिक प्रभाव आकलन अध्ययन (Social Impact Assessment) कराया जाएगा। इसके लिए प्रभावित ग्राम पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम से संपर्क किया जाएगा।
अधिकृत अधिकारी नियुक्त :
अधिशाषी अभियंता, जल संसाधन परवन परियोजना खंड, तृतीय झालावाड़ को नियमों के तहत सामाजिक समाधान अध्ययन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भूमि अधिग्रहण अधिकारी, जल संसाधन वृत, बारां को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए अधिकृत किया गया है।
यह अधिग्रहण किसानों को मुआवजे और पुनर्वास के प्रावधानों के साथ पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए किया जाएगा। योजना के तहत प्रभावित लोगों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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