दैनिक नवज्योति की खबर पर लिया स्वत: प्रसंज्ञान : सड़कों पर बढ़ती मौतों पर हाईकोर्ट ने जताई गहरी चिंता, केन्द्र-राज्य से मांगा जवाब
जन सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान में सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं और असामयिक मौतों को लेकर गहरी चिंता जताते कहा, मृत्यु अवश्यंभावी है, पर असामयिक मृत्यु केवल परिवारों को नहीं, राष्ट्र की सामूहिक शक्ति को भी कमजोर करती है। न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी और न्यायाधीश अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने मौत का कहर रोया शहर नशे में डंपर चालक वाहनों को मारता गया टक्कर, बिछा दी 14 लाशें, किसी को कुचला, किसी को उड़ाया, सड़क पर बिखर गए अंग-अंग शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित समाचार पर स्वत: प्रसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर की है।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान में सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं और असामयिक मौतों को लेकर गहरी चिंता जताते कहा, मृत्यु अवश्यंभावी है, पर असामयिक मृत्यु केवल परिवारों को नहीं, राष्ट्र की सामूहिक शक्ति को भी कमजोर करती है। न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी और न्यायाधीश अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने मौत का कहर रोया शहर नशे में डंपर चालक वाहनों को मारता गया टक्कर, बिछा दी 14 लाशें, किसी को कुचला, किसी को उड़ाया, सड़क पर बिखर गए अंग-अंग शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित समाचार पर स्वत: प्रसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने कहा, सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही जान-माल की हानि जीवन के मौलिक अधिकार का हनन है और इसे केवल नियामक लापरवाही कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते कहा, पिछले दो हफ्तों में हुई सड़क दुर्घटनाओं की शृंखला में लगभग सौ लोगों की जान चली गई, चिंताजनक है। हाईकोर्ट ने कहा, कि यह घटना तो ध्यान आकर्षित करती है लेकिन ताजा हालात यह दर्शाते हैं कि राज्य में सड़क सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक प्रणालीगत विफलता है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि नियामक संस्थाएं और नागरिक समाज दोनों ही सड़क सुरक्षा के प्रति असंवेदनशील होते जा रहे हैं, जिससे सामाजिक पीड़ा बढ़ रही है।
पूछा: जन सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते केन्द्र सरकार व राज्य सरकार से जवाब मांगा हैं, कि सड़क और जन सुरक्षा को लेकर कौन-कौन से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार सहित सभी विभागों के अतिरिक्त महाधिवक्ताओं एवं अधिवक्ताओं जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लोक निर्माण, परिवहन, गृह, स्थानीय निकाय और राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विभागों की ओर से अगली सुनवाई पर विस्तृत जवाब पेश करें। हाईकोर्ट ने पांच अधिवक्ताओं जिसमें मानवेंद्रसिंह भाटी, शीतल कुंभट, सुश्री अदिति मोद, सुश्री हेली पाठक और सुश्री तान्या मेहता को अमाइकस क्यूरी नियुक्त करते हुए उन्हें सड़क और जन सुरक्षा से संबंधित नियामक ढांचे को सुदृढ़ करने के ठोस सुझाव देने को कहा गया है। अमाइकस क्यूरी से कहा, गया है कि वे 13 नवंबर 2025 को होने वाली अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मामले में अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।

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