राजस्थान आवासन मंडल का मामला : इधर तो मुट्ठी भर चणा, उधर घी घणा

दूसरे जिलों में खरीदारों का टोटा, मकान हो रहे बेकार, कोटा वृत्त में12 सौ से अधिक मकान हैं बिक्री के लिए तैयार

राजस्थान आवासन मंडल का मामला :  इधर तो मुट्ठी भर चणा, उधर घी घणा

कोटा शहर में राजस्थान आवासन मंडल पहले लोगों को सस्ते मकान बनाकर उपलब्ध करवा रहा था। लेकिन वर्तमान में कोटा में कई लोग ऐसे हैं जो आवासन मंडल के मकान लेना चाहते हैं। लेकिन मंडल के पास जमीन का टोटा है।

कोटा । रोटी, कपड़ा और मकान हर व्यक्ति की जरूरत है। कोटा शहर में राजस्थान आवासन मंडल पहले लोगों को सस्ते मकान बनाकर उपलब्ध करवा  रहा था। लेकिन वर्तमान में कोटा में कई लोग ऐसे हैं जो आवासन मंडल के मकान लेना चाहते हैं। लेकिन मंडल के पास जमीन का  टोटा है। वहीं संभाग के अन्य जिलों में मंडल के पास मकानों की भरमार है लेकिन वहां खरीदार नहीं मिल रहे हैं। राजस्थान आवासन मंडल कोटा वृत्त के अधीन कोटा के अलावा संभाग के बारां व झालावाड़ जिले भी शामिल हैं। मंडल की हालत यह है कि कोटा में उसके पास जमीन ही नहीं है। जिससे वे न तो नई कॉलोनी विकसित कर पा रहे हैं और न ही लोगों को मकान बनाकर दे पा रहे हैं। जबकि कोटा में पिछले कई सालों से करीब 200 लोगों ने मकानों के लिए आवेदन किया हुआ है। जिनमें पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक भी शामिल हैं।  लेकिन उन्हें अभी तक भी मकान नहीं मिल रहे हैं। उनके आवेदन अभी तक भी लम्बित हैं। जबकि संभाग के बारां व झालावाड़ जिलों में मंडल के पास मकानों की भरमार है। लेकिन वहां खरीदार नहीं मिल रहे हैं। गत दिनों जयपुर में आवासन मंडल के मकानों की एक ही दिन में रिकॉर्ड नीलामी हुई थी। लेकिन कोटा में पिछले कई सालों से रिकॉर्ड नीलमाी ही नहीं हुई है।

संभाग में 1228 मकान बिक्री के लिए
राजस्थान आवासन मंडल कोटा वृत्त में करीब 1228 मकान ऐसे हैं जिन्हें मंडल नीलामी के माध्यम से बेचना चाहता है। लेकिन उनके लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं। हांलाकि जितने भी मकान हैं उनमें से कोटा में मात्र 10 ही फ्लैट हैं शेष मकान बारां व झालावाड़ जिलों में हैं।

यह है मंडल के मकानों की स्थिति
राजस्थान आवासन मंडल कोटा वृत्त के अधीन कोटा में कुन्हाड़ी स्थित हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी में  मात्र 10 ही फ्लैट बिक्री के लिए हैं। जबकि  सबसे अधिक 341 मकान बारां जिले के छबड़ा में है। बारां में 145,छीपाबड़ौद में 195 व मांगरोल में 239 मकान हैं। इसी तरह से झालावाड़ जिले के सुनेल में 4, अकलेरा में 29,चौमेला में 206,झालावाड़ में 10,झालरापाटन में 1, बूंदी जिले के नैनवा में 24 व कोटा जिले के रामगंजमंडी में 24 मकान हैं।

25 से 50 फीसदी की छूट
हाउसिंग बोर्ड के मकानों को बेचने के लिए बोर्ड ने उन पर करीब 25 से 50 फीसदी की छूट तक दे रखी है। सुनेल, नैनवा, रामगंजमंडी,कोटा व मांगरोल में 25 फीसदी की और झालावाड़, झालरापाटन को छोड़कर बाकी जगहों पर मंडल के मकानों केी बिक्री पर 50 फीसदी तक की छूट दी गई है।

हर बुधवार को नीलामी
आवासन मंडल द्वारा हर बुधवार को मकानों की आॅनलाइन नीलामी की जा रही है। लेकिन उसके बाद भी गिनती के ही मकान बिक रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अधिकतर मकानों की या तो लोकेशन सही नहीं है और कई मकान देखरेख के अभाव में जर्जर हो रहे हैं। इस कारण से अधिकतर लोग उन मकानों को खरीदने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। कोटा में जमीनों की कीमत अधिक होने व लोकेशन भी सही होने से अधिकतर लोगों को पहली पसंद कोटा में मकान खरीदने की रहती है।

इनका कहना है
आवासन मंडल के पास कोटा में मकान बनाने के लिए जमीन ही नहीं है। मकानों के लिए पूर्व में कई आवेदन प्राप्त हुए थे वे अभी भी लम्बित हैं। जमीन मिले तो मकान बनाकर दें। जबकि संभाग के बारां व झालावाड़ जिलों में मकान तो खूब हैं। उन पर 25 से 50 फीसदी की छूट भी दे रखी है। हर बुधवार को मकानों की नीलामी भी आॅनलाइन की जा रही है। लेकिन उसमें भी गिनती के ही मकान बिक रहे हैं। कोटा वृत्त में 12 सौ से अधिक मकान बिक्री के लिए हैं।
- अनिल सक्सेना, उप आवासन आयुक्त, राजस्थान आवासन मंडल कोटा

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