भुजंग मचा रहा दहशत, जंगल से घरों की दहलीज तक पहुंचे सांप
प्रतिमाह 100 से ज्यादा सांप हो रहे रेस्क्यू, कोबरा के बाद अगजर भी आने लगा बिलो से बाहर
कोटा बैराज परिसर में शुक्रवपार को 7 फीट लंबा अजगर नजर आने से कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया।
कोटा। बारिश के दिनों में सांपों का बिलों से बाहर निकल रिहायशी इलाकों में पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। शिक्षा नगरी में कोबरा, वाइपर, करैत के बाद अब अजगर ने भी दस्तक दे दी है। ताजा मामला शुक्रवार को कोटा बैराज परिसर का है। यहां 7 फीट लंबा अजगर गेट नम्बर 19 के नजदीक दीवार के बीच हो रहे गड्ढ़ों में घुसा हुआ था। वहीं, हाल ही में एक घर की रसोई में सिलेंडर के पीछे साढ़े पांच फीट लंबा कोबरा छिपा बैठा था और वहां महिला खाना बना रही थी। नजर पड़ने के बाद महिला ने भागकर जान बचाई। घटना से पूरा परिवार दहशत में रहा। रिहायशी इलाकों में आए दिन विभिन्न प्रजाति के सांप घरों में घुसने के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले कोबरा के आ रहे हैं। जबकि, कोबरा सांप सबसे ज्यादा जहरीला माना जाता है। ऐसे में विशेषज्ञ बरसात के दिनों में घरों में कबाड़ा न रखने, साफ-सफाई रखने और घास पर नंगे पैर न चलने की हिदायत देते हैं। वहीं, सांप के काटने पर तुरंत डॉक्टर से इलाज कराने की सलाह दी है।
बैराज पर आया 7 फीट लंबा कोबरा
कोटा बैराज परिसर में शुक्रवपार को 7 फीट लंबा अजगर नजर आने से कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। अजगर बैराज के 19 नंबर गेट के नजदीक दीवार पर बने हॉल में घुसा हुआ था। बैराज के कर्मचारियों ने देखा तो स्नैक केचर गोविंद शर्मा को सूचना दी। उन्होंने मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को रेस्क्यू किया जा सका। उन्होंने बताया कि डेम के गेट के पास की दीवार में पत्थरों के बीच बने छेद में अजगर फंसा हुआ था। जिसे बाहर निकालने के लिए दीवार का एक पत्थर हटाया फिर इसे रेस्क्यू किया जा सका। बाद में लाडपुरा रेंज में सुरक्षित रिलीज कर दिया गया।
रसोई में सिलेंडर के छिपा था कोबरा
नयागांव इलाके में 2 जुलाई को एक घर की रसोई में 6 फीट लंबा कोबरा छिपा बैठा था। जबकि, महिला भोजन बनाने की तैयारी कर रही थी। तभी उसकी नजर कोबरा पर पड़ी तो तुरंत रसोई से बाहर निकल जान बचाई। महिला नीतू व गीताबाई ने बताया कि कोबरा सिलेंडर के पीछे फन फैलाकर बैठा था। गनीमत रही कि समय पर नजर आने से बड़ा हादसा टल गया।
फैक्ट्री में कोबरा ने मचाई दहशत
स्नैक केचर गोविंद ने बताया कि इंद्रप्रस्थ इंडस्ट्रियल एरिया में 3 जुलाई को एक फैक्ट्री में साढ़े पांच फीट लंबे कोबरा ने कर्मचारियों में दहशत फैला दी। यहां श्रमिक वेल्डिंग का काम कर रहे थे। तभी, वहां बजरी से भरे कट्टों के पीछे अजीब आवाज आने पर श्रमिक ने वहां देखा तो कोबरा फन फैलाकर बैठा था। जिसे देख कर्मचारी व श्रमिक घबरा गए। सूचना के बाद उसे तुरंत रेस्क्यू कर लिया गया।
दो दिन कार में छिपा रहा सांप
नयागांव इलाके में 4 जुलाई को एक कार में कोबरा के निकल आने का मामला सामने आया। कोबरा कभी बोनट तो कभी इंजन व कार के अंदर नजर आता रहा। जब उसे रेस्क्यू करने की कोशिश करते तो वह कहीं छुप जाता। जिसे गुरुवार को स्नेक कैचर द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया जा सका। कार चालक पंकज ने बताया कि कई बार गेट व बोनट खोलकर देखा, लेकिन कोबरा कहीं छिप जाता था। हादसे का डर बना रहता था।
जिले में प्रतिमाह 100 से ज्यादा सांप हो रहे रेस्क्यू
स्नैक कैचर्स के मुताबिक, सांप के भूमिगत बिलों से बाहर निकल कर रिहायशी इलाकों में पहुंचने के मामले मानसून में अधिक होते हैं। बरसात से उनके बिलों में पानी भर जाने व जमीन में गर्मी का दबाव अधिक बढ़ने से सांप बाहर निकल आते हैं और भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं। स्नैक कैचर के मुताबिक, शहर व ग्रामीण इलाकों में प्रतिमाह 100 से ज्यादा सांप रेस्क्यू हो रहे हैं। वहीं, कई जगहों पर तो सांप आने और जाने का पता नहीं लग पाता। ऐसे में इनकी संख्या का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

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