स्टूडेंट्स कोटा की आर्थिकी की धुरी, इनका ध्यान रखना हम सब की जिम्मेदारी
स्क्रब टायफस से छात्रा की मौत मामला : पिता ने लगाया था प्रशासन पर मदद नहीं मिलने का आरोप
नवज्योति ने उठाया था सेल्फ स्टडी करने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा का मामला
कोटा। डेंगू और स्क्रब टायफस से एक कोचिंग छात्रा की मौत के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है कि कोटा में आकर स्टडी करने वाले छात्र-छात्राओं का आखिर कौन धणी धोरी है। वह किसके सहारे की आस लेकर कोचिंग सिटी में आ रहे हैं। शुक्रवार को झारखंड निवासी छात्रा स्नेहा भारती की कोटा के निजी अस्पताल में स्क्रब टायफस से मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर छात्रा के पिता ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने छात्रा की किसी प्रकार की मदद नहीं की। जब कि जिला प्रशासन का कहना है कि कोटा में रहने वाले हर नागरिक की सुरक्षा और उसकी हरसंभव मदद प्रशासन की जिम्मेदारी है।
क्या है मामला
तलबंडी स्थित अपने परिचितों के पास रहकर आईआईटी की तैयारी कर रही छात्रा स्नेहा भारती की शुक्रवार को स्क्रब टायफस से मौत हो गई थी। उसे डेंगू भी हुआ था। भारती के माता पिता उसके डेंगू होने के तीन चार दिन पहले ही कोटा आए थे। उन्होंने बुधवार को ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया था और शुक्रवार को भारती की मल्टी आर्गन फेल होने से मौत हो गई थी। भारती की मौत के बाद उसके पिता नीलकंठ मंडल ने भावुक अपील करते कहा था कि कोटा में बाहर से आकर पढ़ाई करने वाले अभिभावक अपने बच्चों का ध्यान रखें।
नवज्योति ने उठाया था सेल्फ स्टडी करने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा का मामला
इसी वर्ष जनवरी माह में कोटा में रहकर सेल्फ स्टडी करने वाले एक छात्र द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बाद यह सवाल उठने लगा था कि कोचिंग संस्थानों के स्टूडेंट को तो काउंसलिंग, मोटिवेशन, हेल्प लाइन जैसी सुविधाएं स्वत: मिल जाती हैं लेकिन सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों की जिम्मेदारी किसकी है। इसके बाद जिला स्तर पर गठित समिति के अध्यक्ष व अतिरिक्त जिला कलक्टर राज कुमार सिंह ने कहा था कि कोटा में सेल्फ स्टडी करने वाले ही नहीं यहां निवास करने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है। प्रशासन को जानकारी मिलती तो छात्र की मदद प्रशासन अवश्य करता।
जिला कलक्टर ओपी बुनकर से बातचीत
नवज्योति : स्क्रब टायफस से कोचिंग छात्रा की मौत के मामले को लेकर छात्रा के पिता ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की।
जिला कलक्टर : यह आरोप गलत है। प्रशासन कोचिंग छात्रों को लेकर बहुत संवेदनशील है। खासकर मैं खुद बच्चों के मामले को लेकर संवेदनशीलता के साथ मामलों को मोनिटर कर रहा हूं। यह बच्ची चार पांच दिनों से बीमार थी। हमसे मदद मांगी जाती तो प्रशासन हर संभव मदद करता। हाल ही एक कोचिंग छात्र जो बंगाल का निवासी है। उसकी तबीयत बिगड़ी और वह अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहा था। वह केवल बंगाली ही समझता है। हॉस्टल मालिक ने हमें सूचित किया। हमने उसके परिजनों को सूचित कर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी देखरेख की भी जिम्मेदारी ली।
नवज्योति : कोचिंग छात्र तो कोटा के लिए ब्रेड एंड बटर हैं। इनकी वजह से कोटा की आर्थिकी चलती है। फिर इनकी जिम्मेदारी आखिर किसकी है।
जिला कलक्टर : कोटा की आर्थिक स्थिति की धुरी आज कोचिंग स्टूडेंट ही हैं। इनका ध्यान रखना प्रशासन की ही नहीं हम सब की जिम्मेदारी है। हम सब को मिलकर इनके अभिभावकों जैसी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। तभी कोटा और समृ्िदद की ओर बढ़ेगा। यदि स्टूडेंट का आना कम होता है तो उससे पूरा कोटा प्रभावित होगा।
नवज्योति : कोटा में स्क्रब टायफस से छात्रा की मौत हुई है, यह कैसे हो रहा है
जिला कलक्टर : छात्रा की मौत मल्टी आर्गन फैल होने से हुई है। यह मामला गंभीर है। मल्टी आॅर्गन फेल्योर होना वह भी इतनी जल्दी होना इसकी गंभीरता को इंगित करता है। हमने छात्रा के सैम्पल पूणे भेजे हैं। हो सकता है कोई नया स्ट्रेन आया हो। स्क्रब टायफस पिस्सू के काटने से होता है। पिस्सू जानवरों के आसपास रहने अथवा घास आदि में रहते काटने से होता है। यह छात्रा कैसे पिस्सू के संपर्क में आई इसकी भी मेडिकल विभाग हिस्ट्री खंगाल रहा है।
नवज्योति : डेंगू भी लगातार बढ़ रहा है। इसे रोकने के क्या प्रयास कर रहे हैं।
जिला कलक्टर : डेंगू के मामलों में पहले की अपेक्षा अब कमी आई है। 2017 में भी ऐसी ही स्थिति बन गई थी। डेंगू के इलाज में डिहाइड्रेशन को कंट्रोल करना जरूरी होता है। इसका इलाज भी यही है। हमने डेंगू की रोकथाम के लिए हर इलाके में फोगिंग करवाने के साथ-साथ मच्छर पनपने के इलाकों को टार्गेट किया है। चिकित्सा विभाग की टीमें काम कर रही हैं। अब स्थिति कंट्रोल में है।

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