ईएनटी की आईपीडी 12 साल से कागजों में
नए चिकित्सालय में केवल ओपीडी मौजूद, छोटे से ऑपरेशन के लिए भी 12 किलो मीटर दूर एमबीएस में जाना पड़ता है
अस्पताल में विभाग की ओपीडी सप्ताह में दो दिन सोमवार और बुधवार को संचालित होती है।
कोटा। चिकित्सा विभाग की ओर से अस्पतालों में मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए रोज नए प्रयोग किए जा रहे हैं। फिर चाहे वो सफाई के लिए क्यूआर कोड हो या मरीजों को पीपीपी मोड पर जांच सुविधाएं उपलब्ध कराना हो। इन सब के बीच कुछ जगहों पर मरीज को जिन मुलभूत सुविधाओं की आवश्यकता होती है वो भी नहीं मिल रही हैं। दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नाक, कान, गला विभाग की ओपीडी तो संचालित है, लेकिन उसके लिए आईपीडी की व्यवस्था तक नहीं है। अस्पताल में विभाग की ओपीडी सप्ताह में दो दिन सोमवार और बुधवार को संचालित होती है। जिसमें दिखाने आने वाले मरीजों के छोटे ऑपरेशन करने के लिए ऑपरेशन थिएटर भी मौजूद नहीं है।
अस्पताल शुरू होने के समय से मौजूद नहीं आईपीडी
रंगबाड़ी स्थित नवीन चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। तब से अब तक अस्पताल में कई चिकित्सा विभागों की स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों के लिए चालू हो चुकी है। वहीं अस्पताल में ईएनटी विभाग की शुरुआत साल 2012 में हो गई थी लेकिन शुरू होने के 12 साल बाद भी अस्पताल में ईएनटी विभाग की आईपीडी नहीं आ पाई है। जिसकी वजह से यहां दिखाने वाले मरीजों को भर्ती होने या छोटे ऑपरेशन कराने के लिए भी एमबीएस अस्पताल जाना पड़ता है। इसके अलावा अस्पताल में ईएनटी विभाग का ओपीडी भी मात्र दो ही दिन संचालित होता है जिसमें हर दिन 200 से 250 मरीज दिखाने आते हैं। इसके अलावा अस्पताल के आसपास के क्षेत्र के मरीजों को ओपीडी से अन्य दिनों में एमबीएस अस्पताल जाना पड़ता है।
आईपीडी शुरू हो तो ऑपरेशन के साथ इलाज भी यहीं मिले
अस्पताल में नाक कान गला विभाग का आईपीडी वार्ड शुरू करने के लिए पर्याप्त जगह है। जिसमें वार्ड और ऑपरेशन थिएटर दोनों शामिल हैं। अस्पताल के अधीक्षक आरपी मीणा के अनुसार अस्पताल वर्तमान में 750 बेड की क्षमता है। जिसमें अन्य विभागों की आईपीडी के लिए बेड निकालने के बाद भी नाक, कान, गला विभाग के वार्ड के लिए पर्याप्त जगह मौजूद है। ऐसें में अगर स्टॉफ मिल जाए तो तुरंत ही आईपीडी शुरू की जा सकती है। जिससे मरीजों को एमबीएस अस्पताल में न जाकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही ओपीडी के साथ आईपीडी की सुविधाएं मिल सकती हैं।
छोटे से ऑपरेशन के लिए भी जाना पड़ता है एमबीएस
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ईएनटी विभाग की आईपीडी न होने से मरीजों को डॉक्टर को दिखाने के बाद भी एमबीएस अस्पताल में जाना पड़ता है। क्योंकि किसी मरीज को ऑपरेशन की जरूरत पड़ जाती है तो उसके लिए विभाग के पास ऑपरेशन थिएटर नहीं है अगर छोटा मोटा ऑपरेशन कर भी दे तो उसे भर्ती करने के लिए वार्ड नहीं है, जिस कारण मरीजों को मजबूरन एमबीएस अस्पताल में जाना पड़ता है। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज से एमबीएस में जाने पर मरीज को दोबारा पर्ची कटाकर डॉक्टर को दिखाना पड़ता है और फिर से नई जांच करवानी पड़ती है। इन सब से परेशान होकर मरीज प्राइवेट में ही दिखाने चला जाता है।
लोगों का कहना है
मुझे कान में दर्द था जिसे डॉक्टर को दिखाने के बाद उन्होंने ऑपरेशन कराने के लिए बोला लेकिन अस्पताल में आईपीडी नहीं होने से एमबीएस जाने को बोला है।
- दिनेश कुमार, मरीज, केशवपुरा
नाक में दर्द होने सूजन थी, जिसकी जांच कराने के बाद डॉक्टर ने एमबीएस अस्पताल में आने को बोला पूछने पर बताया कि यहां ऑपरेशन नहीं हो सकता इसलिए वहां आना होगा।
- मिनाक्षी वर्मा, मरीज, छावनी
इनका कहना है
विभाग के पास मैन पावर तो है लेकिन एसोसिएट प्रोफेसर एक ही है ऐसे में यूनिट शुरू करने के लिए एक और एसोसिएट प्रोफेसर मिल जाए तो एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर, दो असिस्टेंट और रेजिडेंट के साथ आईपीडी शुरू कर दी जाएगी।
- राजकुमार जैन, अध्यक्ष, ईएनटी विभाग, मेडिकल कॉलेज
मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विभाग की आईपीडी शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए अवकाश के बाद मीटिंग लेकर फैकल्टी लाने की कोशिश की जाएगी। फैकल्टी मिलते ही आईपीडी शुरू कर दी जाएगी।
- संगीता सक्सेना, प्राधाचार्या व नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज
ईएनटी विभाग की आईपीडी शुरू करने के लिए पर्याप्त संसाधन और जगह मौजूद है। हमें आईपीडी शुरू करने में कोई समस्या नहीं कॉलेज से यूनिट और स्टॉफ मिल जाए तो आज ही शुरू कर दें।
- आरपी मीणा, अधीक्षक, नवीन चिकित्सालय
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