ई बसें चलना तो दूर अभी तक तो बस स्टॉप की डीपीआर तक नहीं हुई फाइनल

केन्द्र सरकार ने पिछले साल बजट में की थी कोटा में ई बसें शुरु करने की घोषणा

ई बसें चलना तो दूर अभी तक तो बस स्टॉप की डीपीआर तक नहीं हुई फाइनल

कोटा में सौ ई बसों का इसी साल होना है संचालन।

कोटा। प्रदेश के अन्य शहरों की तरह ही कोटा में भी बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यहां ई बसों का संचालन किया जाना है।  केन्द्र सरकार ने पिछले साल बजट में इसकी घोषणा की थी। लेकिन हालत यह है कि ई बसें आना तो दूर एक साल बाद भी अभी तक तो ई बसों के लिए बस स्टॉप की डीपीआर तक फाइनल नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ई बस योजना के तहत केन्द्र सरकार ने देश के अन्य जिलों के साथ ही कोटा में भी ई बसें चलाने की घोषणा की थी। पिछले साल बजट में केन्द्र सरकार ने कोटा में 50 ई बसों के संचालन की स्वीकृति दी थी। शुरुआत में इन बसों के हिसाब से बस स्टॉप के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया की गई। लेकिन उसके बाद राज्य में भाजपा सरकार आने पर मुख्यमंत्री ने बसों की संख्या को बढ़ाकर दो गुना यानि सौ बस कर दिया।  रा’य सरकार की घोषणा के बाद कोटा में सौ ई बसों का संचालन किया जाएगा। लेकिन हालत यह है कि बसों के संचालन की घोषणा हुए एक साल से अधिक हो गया।पिछले बजट में की गई घोषणा को एक साल होने वाला है। वहीं अगले महीने नया बजट पेश होने वाला है। अभी तक बसों का संचालन होना तो दूर बस स्टॉप बनाने के लिए डीपीआर(डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तक  फाइनल नहीं हुई है। हालांकि बसों का संचालन इसी साल शुरु होने की बात कहीं गई थी।  

बस स्टॉप भी उसी तर्ज पर बनेगा
कोटा शहर में इतनी अधिक संख्या में ई बसें आने पर उनके खड़ा होने व मरम्मत सबंधी कार्य के लिए बस स्टॉप की आवश्यकता भी है। इसे देखते हुए केडीए की ओर से नगर निगम कोटा दक्षिण आयुक्त के नाम पूर्व में12 हजार 970 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की थी। यह जमीन सुभाष नगर में निजी बस स्टैंड के पास दी गई थी। लेकिन बसों की संलखया बढ़ने पर बस स्टॉप के लिए जमीन को बढ़ाकर 30 हजार वर्ग मीटर कर दिया गया।  वहीं पहले जहां नगर निगम कोटा उत्तर द्वारा बस स्टॉप की डीपीआर बनाई गई थी। वहीं बसों की संख्या बढ़ने पर बस स्टॉप निर्माण के लिए नोडल एजेंसी को बदलकर रूडसिको को यह काम दिया गया है।  सूत्रों के अनुसार नगर निगम कोटा उत्तर की ओर से 50 ई बसों के हिसाब से बस स्टॉप निर्माण की डीपीआर 10 करोड़ से अधिक की बनाई गई थी। लेकिन उसके स्थान पर अब इसकी लागत भी बढ़ जाएगी। 

इतनी अधिक बसों का संचालन मुश्किल
इधर सूत्रों के अनुसार कोटा शहर में नगरीय परिवहन के संसाधन पर्याप्त संख्या में है। वर्तमान में 32 सिटी बसें भी चल रही है। ई रिक् शा, आॅटो  व मिनी बसें समेत कई संसाधन चल रहे हैं। ऐसे में सौ ई बसों का संचालन शुरु होने पर  शहर में बसें ही बसें नजर आएंगी। बसों के आने से पहले उनका रूट तय होगा। किस रूट पर कितनी बसें चलेंगी यह भी तय किया जाएगा। हालांकि इतनी अधिक बसों का संचालन होने से शहर में जहां वायु व ध्वनि प्रदूषण कम होगा वहीं लोगों को सुविधा भी होगी। जरा-जरा सी  देर में और कम से कम किराए में बसें उपलब्ध हो सकेंगी। 

कोटा में संचालित होने वाली सौ ई बसों के हिसाब से सुभाष नगर में निजी बस स्टैंड के पास बस स्टॉप का निर्माण किया जाना है। इसकी डीपीआर का काम रूडसिको को दिया गया है। डीपीआर बनाने का काम अंतिम चरण में है। इसके बाद इसे स्वीकृति के लिए रा’य सरकार को भेजा जाएगा। वहां से यह केन्द्र सरकार को भेजी जाएगी। वहां से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद बस स्टॉप निर्माण के टेंडर जारी किए जाएंगे। डीपीआर फाइनल होने के बाद ही निर्माण की लागत भी फाइनल होगी। उसी हिसाब से समय तय होगा। वहीं बसों के संचालन की व्यवस्था प्रशासन के स्तर पर की जाएगी। बस स्टॉप तैयार होने के बाद अन्य शहरों के साथ ही कोटा में भी बसें आ जाएंगी। उसकी भी तैयारी की जा रही है। 
- रूचिर विजयवर्गीय, एईएन, रूडसिको 

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