यहां गायें भी झूमती हैं संगीत की धुन पर, मृत्यु दर में आ रही कमी
गायों को दी जा रही संगीत थैरेपी, निगम की गौशाला में लगाया म्यूजिक सिस्टम
गौशाला की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है।
कोटा। नगर निगम की बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में जहां बड़ी संख्या में लावारिस हालत में लाया गया गौवंश है। वहां उन्हें संगीत थैरेपी देने के लिए म्यूजिक सिस्टम लगाया गया है। जिससे गौशाला में खुशनुमा व भक्तिमय माहौल बना रहे। देश व प्रदेश में कई बड़ी व निजी और ट्रस्ट की गौशालाओं की तर्ज पर ही कोटा में नगर निगम की गौशाला में भी म्यूजिक सिस्टम लगाया गया है। बंधा धर्मपुरा स्थित निगम की गौशाला में पहले जहां करीब 4 हजार से अधिक गौवंश था। अधिकतर गाय लावारिस व बीमार हालत में होने से उनकी मृत्यु दर भी अधिक थी। रोजाना 10 से 15 गायों की मौत हो रही थी। इसे देखते हुए वहां की व्यवस्थाओं में सुधार किया गया। जिसके तहत गौशाला में म्यूजिक सिस्टम लगाया गया है। इस पर पूरी गौशाला में सुबह-शाम तो भजन व संगीत चलता ही रहता है। आवश्यकता होने पर दिन में भी भजन चलाए जाते हैं। भजनों को सुनने के बाद गायों के व्यवहार में बदलाव दर्ज किया गया है। अब गायें संगीत सुनते हुए दूध तो ज्यादा देती ही हैं। उनके आक्रामक व्यवहार में भी कमी आई है। बीमार गायों की स्वस्थ होने की दर भी बढ़ती नजर आ रही है।
पूरी गौशाला में 12 हॉर्न
निगम की गौशाला काफी बड़ी है। जिसमें वर्तमान में करीब 25 सौ गौवंश है। उन्हें अलग-अलग बाड़ों में रखा गया है। पूरी गौशाला में गायों को संगीत सुनाने व भजनों की सरिता बहाने के लिए निगम कीओर से 12 हॉर्न लगाए गए हैं। जिन पर धीमी आवाज में भजन चलते रहते हैं।
वातावरण में शुद्धि और गायों में खुशहाली
नगर निगम की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गौशाला में अधिकतर लावारिस हालत में पकड़ी गई गाय हैं जो बीमार व घायल थी। जिससे उनकी मृत्यु दर भी अधिक हो रही थी। इसे सुधारने के लिए गौशाला में म्यूजिक सिस्टम लगाया गया। जिससे गायों को संगीत थैरेपी दी जा रही है। इससे गौशाला में भक्ति व वातावरण में शुद्धि हुई है। साथ ही गायों को भी खुशनुमा माहौल मिल रहा है। ऐसे में उनकी खुराक बढ़ी है और मृत्युदर में भी कमी हुई है। सिंह ने बताया कि वर्तमान में केवल बीमार गायों के बाड़े में ही गायों की मौत हो रही है। उसमें भी काफी कमी आई है। साथ ही दुधारू गायों के दूध में भी बढ़ोतरी हुई है।
12 हॉर्न व माइक सिस्टम लगाया
नगर निगम के अधिशाषी अभियंता सचिन यादव ने बताया कि गौशाला में कुछ समय पहले ही 12 हॉर्न व एम्प्लीफायर सिस्टम लगाया गया है। जिससे गायों को भजन व संगीत के साथ ही किसी भी तरह की उद्घोषणा करनी हो तो वह भी की जा सकती है। उसके लिए माइक भी लगाए गए हैं।
गौशाला में सुधार की दिशा में प्रयास
नगर निगम कोटा दक्षिण के गौशाला प्रभारी दिनेश शर्मा ने बताया कि गौशाला की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है। उसी दिशा में प्रयास करते हुए समिति अध्यक्ष के निर्देश पर गौशाला में म्यूजिक सिस्टम लगाया है। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लगाए हॉर्न से कम आवाज में भजन व संगीत चलता रहता है। जिससे गौशाला में माहौल में भक्ति व शुद्धता बनी हुई है। इससे गायों पर ही नहीं वहां काम करने वाले कर्मचारियों के काम में भी फर्क पड़ा है। शर्मा ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था निजी गौशालाओं के अलावा कई ट्रस्ट की गौशालाओं में भी है। जिसे भी यहां अपनाया गया है। उसका फर्क भी महसूस किया जा रहा है।

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