हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट, ना इधर के रहे, ना उधर के रहे
आवेदन लिंक अभी तक उपलब्ध नहीं : डीलरों से काम छीना
पूर्व में चल रहे इन हाई सिक्योरिटी प्लेट के आवेदन लिंक को कुछ माह पहले ही विभाग ने आदेश जारी कर बंद किया था।
कोटा। किसी चलते हुए कार्य को बंद कर अपने हाथ में लेना फिर उसमें लेटलतफिी करना परिवहन विभाग से सीखा जा सकता है। विभाग ने पूर्व में लगाए जा रहे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के कार्य को बंद कर नए सिरे से 1 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत सभी वाहनों के लिए नई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के एक माह पूर्व जारी किए आदेश को अभी तक क्रियान्वन में नहीं लाया जा सका है। पिछले महीने राज्य परिवहन विभाग ने 1 अप्रैल 2019 से पुराने सभी प्रकार के वाहनों पर नई तरह की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के आदेश जारी किए थे जिसके तहत 21 मार्च 2024 तक सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना का लक्ष्य था लेकिन अभी तक विभाग द्वारा आवेदन लिंक भी जारी नहीं किया है। जिससे इन नंबर प्लेटों को लगवाने वालों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
विभाग ने ही बंद किया था पहले से लग रही प्लेटों को
डकनिया स्टेशन रोड स्थित एक कार डीलर ने बताया की पूर्व में चल रहे इन हाई सिक्योरिटी प्लेट के आवेदन लिंक को कुछ माह पहले ही विभाग ने आदेश जारी कर बंद किया था। डीलर ने बताया कि इससे पूर्व वाहनों पर सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का कार्य डीलरों के माध्यम से ही किया जाता था। लेकिन विभाग ने इसे अपने हाथ में लेते हुए पूर्व में क्रियान्वित आवेदन पोर्टल को चार महीने पहले बंद कर दिया था। उसके बाद पिछले महीने विभाग ने नए आदेश जारी कर एक नया आवेदन लिंक शुरू करने को कहा था लेकिन उसके बाद इस पर अभी तक कोई नया कार्य आदेश नहीं मिला और ना ही आवेदन पोर्टल शुरू हुआ है। हमारे स्तर पर भी हमने विभाग से इस बारे में चर्चा की तो कोई संतुष्ट जवाब भी नहीं मिला।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से कई फायदे
वाहनों पर लगने वाली इन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से कई फायदे हैं। इन प्लेटों पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव शीट का इस्तेमाल होगा जो रात के समय में भी 200 मीटर दूर से भी आसानी से पढ़ा जा सकेगा। वहीं इन प्लेटों को स्नेप लॉक द्वारा वाहनों पर लगाया जाएगा जिससे ये एक बार लगने के बाद टूटने पर ही खुलेगें। ये नंबर प्लेट वाहन पर डीलर द्वारा वाहन की संपूर्ण जानकारी जैसे चैसिस नंबर और इंजन नंबर पोर्टल पर चढ़ाने के बाद ही लगेंगी। वहीं इन प्लेटों पर मौजूद सात नंबर के डिजिट यूनिक कोड होता है जिससे दुर्घटना के समय वाहन व मालिक के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वाहन चोरी हो जाने की दशा में प्लेट पर मौजूद लेजर डिटेक्टर स्टीकर से वाहन के बारे में कैमरे की सहायता से पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है जिससे वाहन को ढूंढने में आसानी होगी। वहीं उभरे हुए अंक होने के कारण वाहन में आग लगने की स्थिति में भी ये प्लेट मौजूद होने से वाहन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
प्लेट के अंतिम अंक के अनुसार लगनी थी नई
विभाग के आदेशानुसार 1 या 2 अंतिम अंक वाली पुरानी नंबर प्लेट वाले वाहनों के नई हाई सिक्योरिटी प्लेट 30 नवंबर तक, 3 व 4 अंक वालों के 31 दिसंबर तक, 5 व 6 अंक वालों के वाहनों के लिए 31 जनवरी 2024 तक 1 वब 8 अंक वाले वाहनों के लिए 28 फरवरी 2024 तक और 9 या 0 अंकों के वाहनों के लिए 31 मार्च 2024 तक की तिथि निर्धारित की थी लेकिन विभाग द्वारा इस संबध में अभी तक कोई अग्रीम कारवाई नहीं हुई है।
करीब 1 लाख वाहनों का होगा रजिस्ट्रेशन
शहर में छोटे बड़े सभी तरह के वाहन मिलाकर करीब 1 लाख ऐसे वाहन हैं जिनका पंजीकरण 1 अप्रैल 2019 से पूर्व का है और इन सभी वाहनों पर नई तरह की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगनी है। अब सवाल उठता है कि जब विभाग द्वारा अभी तक लिंक ही चालू नहीं किया गया है तो इन वाहनों पर तय समय सीमा अनुसार कैसे ये नंबर प्लेट लगाई जा सकेंगी। वहीं विभाग के आदेशानुसार तय समय पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के बाद ही वाहनों के बाद ही वाहनों का पंजीयन नवीकरण, आरसी हस्तांतरण, फिटनेस नवीनीकरण और पता बदलाव जैसे कार्य हो सकेंगे।
नई हाईसिक्योरिटी प्लेट लगने से दूसरे राज्यों में आने जाने में आसानी होगी क्योंकि राजस्थान को छोड़कर आसपास के सभी राज्यों में लगने कि प्रक्रिया जारी है और राजस्थान में ये लेट शुरू हुई अभी फिर बंद हैं।
- रोहन राठौर, टैक्सी संचालक
हाई सिक्योरिटी प्लेट के लगने से हमारा ही फायदा है क्योंकि वाहन की ट्रैकिंग आसान होगी और दुर्घटना के समय भी इससे मालिक की जानकारी लेने में आसानी होगी।
- राजेन्द्र वैष्णव, कार चालक मालिक
वाहनों के आवेदन लिंक के संबंध में अभी कोई नवीन आदेश नहीं मिला है आदेश मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उसके बाद आवेदक निर्धरित स्लॉट में अपना पंजीकरण करवा सकेंगे।
- प्रमोद लोढ़ा, जिला परिवहन अधिकारी कोटा
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