असर खबर का - विधानसभा में उठा चंबल में गिरते नालों का मुद्दा
नवज्योति ने वन्यजीवों की सुरक्षा व पर्यटन विकास को लेकर प्रकाशित की थी खबरें
विधायक संदीप ने गरड़िया महादेव में आईफा को फिल्म शूटिंग की परमिशन नहीं देने का मामला उठाया।
कोटा। चंबल घड़ियाल सेंचुरी में गिरते सीवरेज नालों से जलीय जीवों पर पड़ते दुष्प्रभाव व आईफा फिल्म फेयर के लिए गरड़िया महादेव में शोर्ट मूवी के लिए शूटिंग की परमिशन न देने का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में छाया रहा। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, जनहित के मामलों में स्वीकृति नहीं देना और अटकाए रखना वन विभाग की आदत सी बन गई है, जबकि ऐसे मामलों में आम जन के लाभ और विकास की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण से काम करना चाहिए। विधानसभा में तारांकित प्रश्न के उत्तर पर मांग उठाते हुए उन्होंने कहा कि वन विभाग ने मुकुंदरा में आईफा फिल्म फेयर के लिए गरड़िया महादेव पर्यटन स्थल पर फिल्मांकन की अनुमति नहीं दी, जबकि यह कोटा में पर्यटन विकास में मील का पत्थर साबित होता। वहीं, चंबल में क्रूज संचालन की अनुमति भी लंबे समय से लटका रखी है।
भगवान के दर्शन को भी 200 रुपए वसूल रहे
मुकुन्दरा के जंगलों में आईफा अवार्ड समारोह समिति की फिल्म शूटिंग को अनुमति भी वन विभाग ने नहीं दी। वहीं, गरड़िया महादेव के दर्शन के लिए भी वन विभाग श्रद्धालुओं से 200 रुपए वसूल रहा है। जबकि, विभाग को इस पर सकारात्मक रुख अपनाकर कार्य करना चाहिए। इस पर वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा, वन विभाग से जो भी स्वीकृति चाहिए उसे विभाग के परिवेश पोर्टल पर आवेदन करवा दिया जाए, विभाग आगे बढ़कर उस पर एनओसी देगा।
सीवरेज नालों से वन्यजीवों के अस्तित्व पर संकट
विधायक शर्मा ने चम्बल नदी में गिरने वाले नालों से चम्बल घडियाल अभ्यारण्य में जलीय जंतुओं पर पड़े रहे दुष्प्रभाव एवं इस विषय में वन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रश्न पूछा था, जिसके जवाब में वन मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून से परीक्षण करवाया जा रहा है। जिसके परीक्षण की अंतरिम रिपोर्ट में गन्दे पानी से जलीय जन्तुओं पर प्रभाव के बारे में टिप्पणी रिलीजिंग पोल्यूटेड वाटर इन चम्बल रिवर में की गई।
जनहित के काम अटकाने का वन विभाग का रहा इतिहास
विधायक ने कहा, वन विभाग में कामों को अटकाने का इतिहास रहा है, अति आवश्यक स्थानीय विकास और पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को विभाग लम्बित करता है। 2023 की बजट घोषणाओं में 18 करोड़ का वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट/सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का नगर पालिका केशवरायपाटन ने टेंडर जारी कर काम प्रारम्भ किया था लेकिन वन विभाग ने इसे भी अटका दिया। जबकि यह ट्रीटमेंट प्लांट गंदे और दूषित पानी से जलीय जंतुओं की रक्षा के लिए ही बनाया जा रहा था। इसी तरह चम्बल में क्रूज संचालन का मामला जिसमें पर्यटन मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने अन्य सभी स्वीकृतियां हमें दिलवा दी फिर भी वन विभाग ने स्वीकृति रोक रखी है।
Comment List