असर खबर का - मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराएं

लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने सदन में उठाया मामला

असर खबर का - मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराएं

देवस्थान विभाग अपनी ही जमीनों की देखरेख नहीं कर पा रहा है।

कोटा। विधानसभा सत्र के दौरान लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में देवस्थान विभाग की जमीनों पर अतिक्रमियों द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के मुद्दे को सदन में रखा। विधायक ने सदन में अवगत कराया कि  देवस्थान विभाग की भूमियों पर अतिक्रमियों द्वारा अतिक्रमण कर नित नई-नई कॉलोनियां काटी जा रही है। उनके द्वारा बेशकीमती जमीन को कोडियों में बेच दिया जाता है। सस्ता प्लाट या जमीन मिलने के चक्कर में आम जनता भ्रमित हो जाती है।  विभाग  अपनी भूमियों को चिन्हित कर उन पर स्वयं का बोर्ड लगाकर या फिर चारदीवारी करवाकर और सी.सी. टीवी कैमरें लगवाकर इनकी निगरानी का दायित्व संबंधित थानाधिकारी या पटवारी को दिया जाए। ताकि वे समय-समय पर इसका जायजा कर भूमि की रिपोर्ट विभाग के उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करते रहें। इससे भविष्य में अतिक्रमण जैसी समस्या से निदान पाया जा सकेगा।  

नवज्योति ने उठाया था अतिक्रमण का मामला
देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों के नाम की बेशकीमती जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण के सम्बंध में दैनिक नवज्योति के 21 जुलाई के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था।  देवस्थान विभाग अपनी ही जमीनों की देखरेख नहीं कर पा रहा है। सरकारी मंदिरों की जमीनों पर लोगों ने कब्जे कर रखे हैं, लेकिन विभाग इन जमीनों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करवा पा रहा है। यह स्थिति प्रदेश में देवस्थान विभाग के सभी मंदिरों की जमीनों की है।

संपत्तियों को चिन्हित कर लगाएंगे कैमरे
विधायक ने कहा कि पुराने रियासत कालीन समय से राजा-महाराजाओं द्वारा मंदिरों के लिए यह जमीन अधीन इसलिए रखी गई थी कि मंदिरों के रख-रखाव में कोई कमी न आए और मंदिर में जो पुजारी सेवाएं दे रहे है अपने परिवार का पालन-पोषण भी कर सके। परन्तु नियम तो बहुत बने है उस नियम की पालना कोई नहीं कर रहा है। जिस पर मंत्री कुमावत ने विधायक को आश्वस्त किया कि देवस्थान विभाग के मंदिरों पर जहां पर बोर्ड नहीं है वहां पर बोर्ड लगवाएंगे, देवस्थान की परिसंपत्तियों पर जो अतिक्रमण से मुक्त है उन्हें चिन्हित कर उन संपत्तियों कलर पेन्ट एवं लेखन भी करवाएंगे। विभाग की वित्तिय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए उनकी उपलब्धता होने पर प्रमुख मंदिरों को चिन्हित कर सी.सी. टीवी कैमरे भी लगाएंंगे। मंदिरों एवं मंदिरों की परिसत्तियों के समग्र विकास एवं सुरक्षा के लिए विचार मंथन कर ठोस कदम उठाएंगे।

सरकार ने स्वीकारा, 1773 अतिक्रमियों का कब्जा
देवस्थान विभाग मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि देवस्थान विभाग द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिर आत्म निर्भर मंदिरों की कुल 7294.43 हैक्टयर भूमि है, जिसमें 2768.6064 हैक्टयर भूमि पर 1773 अतिक्रमियों का कब्जा है। जिनके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 263 वाद विचाराधीन है। मंदिर भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति पुजारी या पटवारी द्वारा ध्यान में लाए जाने पर तहसीलदार अतिक्रमी के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करेंगे तथा मंदिर मूर्ति के हितों के संरक्षण के लिए दायित्वाधीन होंगे। जिला कलक्टर मूर्ति मंदिर के भूमि संबंधी अतिक्रमण रिपोर्ट सिवायचक/चरागाह भूमि की तरह राजस्व कर्मियों से नियमित रूप से प्राप्त कर धारा- 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के अन्तर्गत उनके प्रकरण दर्ज कर तदनुसार प्रभावी नियंत्रण करेंगे। हमारा विभाग लगातार अतिक्रमियों से देवस्थान विभाग की भूमि को अपने कब्जे में लेने के लिए प्रयासरत रहता है।

Read More किशनपोल जोन में अवैध निर्माण पर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, कई दुकानों को किया सीज

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश