असर खबर का -अब पुरातत्व विभाग में अधिकारी की हुई नियुक्ति, पुरासम्पदा की हो सकेगी सार-संभाल
दो साल से बिना इंचार्ज चल रहा था विभाग
शहर के किशोर सागर के पास स्थित बृजविलास पैलेस के राजकीय संग्रहालय में संरक्षित किया गया है।
कोटा । कोटा सहित हाड़ौती क्षेत्र मानव सभ्यता के विकास का गवाह रहा है। यहां इतिहास का खजाना छिपा हुआ है। प्राचीन काल की धरोहरें आज भी कोटा और अन्य जिलों में बिखरी पड़ी हुई है। वहीं कई विरासतों को शहर के किशोर सागर के पास स्थित बृजविलास पैलेस के राजकीय संग्रहालय में संरक्षित किया गया है। इस संग्रहालय में विभिन्न प्रकार ऐतिहासिक सामग्री है, जिससे इतिहास व संस्कृति को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है। विरासत को सहेजने वाला पुरातत्व विभाग में पिछले दो साल संभागीय अधिकारी व संग्रहालय अधीक्षक को पद रिक्त चल रहा था। अब सरकार ने इस विभाग की सुध लेते हुए संभागीय अधिकारी के पद पर नियुक्ति कर दी है। इससे हाड़ौती में मौजूद पुरासम्पदाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग हो सकेगी।
अधीनस्थ कर्मचारियों को दे रखी थी जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार पुरातत्व विभाग के संभागीय अधिकारी व संग्रहालय अधीक्षक पद पर काफी समय तक उमराव सिंह तैनात रहे थे। उन्होंने लम्बे समय तक कोटा में संग्रहालय के साथ हाड़ौती में मौजूद पुरासम्पदाओं की मॉनिटरिंग का जिम्मा संभाले रखा था। वर्ष 2023 में वे सेवानिवृत्त हो गए थे। उसके बाद से यहां पर किसी भी अधिकारी की इस पद पर नियुक्ति नहीं की गई। ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारियों के भरोसे विभाग का कामकाज होता रहा। बाद में व्यवस्थाएं बिगड़ने लगी तो उच्च अधिकारियों ने जयपुर के पुरातत्व विभाग कार्यालय में तैनात एक अधिकारी को यहां का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया। इस तरह से पिछले दो साल से हाड़ौती की विरासत अधीनस्थ कर्मचारियों व कार्यवाहक संभागीय अधिकारी भरोसे रही। अब सरकार ने कोटा में संभागीय अधिकारी के पद पर अजमेर में तैनात हेमेन्द्र अवस्थी को लगा दिया है।
नवज्योति ने उठाया था मामला
हाड़ौती में बेशकीमती पुरासम्पदा होने के बाद संभागीय अधिकारी के रिक्त पर लम्बे समय तक किसी भी अधिकारी को नियुक्ति नहीं करने के सम्बंध में 12 मार्च को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि विरासत को सहेजने वाला राजकीय संग्रहालय पिछले एक साल से बिना इंचार्ज (अधीक्षक) के चल रहा है। यहां तैनात अधीक्षक के सेवानिवृत्त होने के बाद किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। ऐसे में संग्रहालय की व्यवस्था अधीनस्थ कर्मचारियों ने संभाल रखी है। संग्रहालय में विभिन्न श्रेणी के करीब 15 पद स्वीकृत हैं। इनमें से काफी समय से 10 पद खाली चल रहे हैं। केवल पांच कर्मचारी संग्रहालय में तैनात हैं। अधिकांश पद खाली होने के कारण यहां कार्यरत कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
निदेशालय के आदेश पर उन्होंने कोटा में कार्र्यभार सम्भाल लिया है। पूर्व में वे अजमेर में कार्यरत थे। स्टॉफ से हाड़ौती की पुरासम्पदा के बारे में जानकारी ली जा रही है। इनके रखरखाव और मानिटरिंग की व्यवस्थाओं को अब और प्रभावी बनाया जाएगा।
- हेमेन्द्र अवस्थी, संभागीय अधिकारी व अधीक्षक, पुरातत्व विभाग कोटा

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